विपक्ष ने उठाये सवाल – कई जवाब हुए दफ़न

भोपाल | कानपुर मुठभेड़ के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के मारे जाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने जो-जो दावे किये हैं, उन पर कई राजनेताओं ने सवाल खड़े किये हैं और यूपी पुलिस द्वारा बतायी गई कथित मुठभेड़ पर संदेह ज़ाहिर किया है | मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल पूछा है कि विकास दुबे का मध्य प्रदेश से क्या कनेक्शन था, जहाँ गुरुवार को पुलिस ने छह दिनों के अभियान के बाद दुबे को अपनी गिरफ़्त में लिया | दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ”यह पता लगाना आवश्यक है कि विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?”

जस्टिस मार्केंडय काटजू ने लिखा, ”इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एएन मुल्ला ने एक फ़ैसले में कहा था- मैं पूरी ज़िम्मेदारी से ये बात कहना चाहता हूं कि पूरे देश में एक भी ऐसा आपराधिक गैंग नहीं है, जिसके अपराध क्रिमिनल्स के संगठित रूप जिसे हम इंडियन पुलिस फ़ोर्स के नाम से जानते हैं, उनके क़रीब भी नज़र आएं.”

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने विकास दुबे की मौत पर एक ट्वीट किया है जिसमें लिखा है, “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है| ”

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’

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