राजस्थान के सियासी संकट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पलड़ा भारी दिख रहा है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता माना और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. इसके बाद राजस्थान मंत्रिमंडल से सचिन पायलट और उनके दो करीबी मंत्रियों को बर्खास्त किया जा रहा है.

सचिन पायलट को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है. उनकी जगह पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है. बीजेपी ने साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की है. बीजेपी धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए. पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकारा.

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