रंगोली के माध्यम से पूरे देश में अपनी पहचान बनाई बिट्टू ने

दुर्ग। रंगोली कला के माध्यम से अपनी कला को पूरे देश में स्थापित करने वाले मशहूर रंगोली कार वीरेंद्र मेहरा उर्फ बिट्टू के निधन हो जाने से कलाकारों एवं कला जगत में मायूसी छा गई । विगत दिनों एक हादसे का शिकार होकर ऊंचाई से गिर जाने से उनके पेट एवं लीवर के हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका निधन हो गया । लगभग 28 वर्षों पहले शिक्षक नगर दुर्ग में युवा विकास समिति द्वारा आयोजित महा रंगोली प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी पहली रंगोली कला का प्रदर्शन किया था जिसे की शहर वासियों ने काफी सराहा । समिति द्वारा कई बार मैथिलीशरण गुप्त वाचनालय में इनकी रंगोली कला का प्रदर्शन आयोजित किया गया। रंगोली के इस जादूगर ने नेहरू स्कूल के सामने कलाकार संघ द्वारा आयोजित रंगोली प्रदर्शनी में दो सौ फिट लंबाई विशाल रंगोली बनाकर
खूब वाहवाही बटोरी थी।

उन्होंने रंगोली के माध्यम से पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। पूरे देश में उन्होंने अपनी रंगोली कला का प्रदर्शन किया एवं प्रशिक्षण देकर बिट्टू ने रंगोली कला को एक नई ऊंचाइयां प्रदान की। बिट्टू द्वारा बनाई गई रंगोली को देखकर लोग विश्वास ही नहीं करते थे कि यह रंगोली से बनाई गई है ऐसा लगता था कि उन्हें पेंट किया गया हो ।
छत्तीसगढ़ में दी बिट्टू को श्रद्धांजलि
छत्तीसगढ़ मंच ने मशहूर रंगोलीकार वीरेंद्र मेहरा उर्फ बिट्टू के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। मंच के अध्यक्ष ईश्वर सिंह राजपूत , दिनेश जैन ,तुलसी सोनी, चंद्रिका दत्त चंद्राकर,विमल तिवारी, रमन सिंह, संजय खंडेलवाल अनिल ताम्रकार, मयंक भारद्वाज, प्रमोद वास्तव, प्रचंड सोनकर, निलेश वास्तव, जवाहर सिंह राजपूत, गुरमीत सिंग भाटिया, हरीश सोनी, बाबू भाई एवं अन्य लोगों ने बिट्टू को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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