लंदन। एक ब्रिटिश अदालत ने भारत से प्रत्यर्पित करके लाए गए 36 वर्षीय युवक को एक युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के आरोप में दोषी घोषित किया। मूल रूप से भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर निवासी अमन व्यास को क्रॉयडॉन क्राउन कोर्ट ने इस गुनाह के लिए न्यूनतम 37 साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि भारत और इंग्लैंड में हिरासत में काटे गए समय को कम करने के बाद अमन को 34 साल 312 दिन के लिए जेल में रहना होगा।
जानकारी के अनुसार अमन व्यास पर मई 2009 में मिचेल समरवीरा नाम की युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने का आरोप था। इसके अलावा उस पर मार्च 2009 से मई 2009 के बीच उत्तर पूर्वी लंदन के वाल्थमस्टॉ में विभिन्न जगह तीन अन्य महिलाओं के साथ भी दुष्कर्म करने और उन्हें मारने की कोशिश करने का आरोप था।
उसे पिछले महीने लंदन में ओल्ड बैले कोर्ट ने सजा सुनाई थी, जिसकी क्राउन कोर्ट ने पुष्टि कर दी है। आरोप था कि 24 साल का अमन सुबह जल्दी उठकर सड़कों पर अकेली महिला की तलाश में निकलता था और उन्हें अपना शिकार बनाता था।
अपने गुनाह के करीब 11 साल बाद हत्या के लिए मिली 37 साल की सजा के अतिरिक्त उसे जानबूझकर गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाने के लिए 14 साल महिला से दुष्कर्म के लिए 16 साल 5 महीने, दूसरी महिला के साथ दुष्कर्म के लिए 18.5 साल, तीसरी महिला के साथ दुष्कर्म के लिए 18.5 साल और मृतक समरवीरा के साथ दुष्कर्म के लिए 18.5 साल की सजा भी सुनाई गई है।
हालांकि ये सभी सजाएं हत्या की सजा के साथ-साथ चलने के कारण कुल सजा की अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा।
स्कॉटलैंड यार्ड की तरफ से इस मामले को देख रहीं डिटेक्टिव सार्जेंट शहलीना शेख ने कहा कि हम आज की सजा से बेहद खुश हैं, जो व्यास के गुनाह की अधिकता को दिखा रही है। कम से कम पीडि़ता और उसका परिवार इस घिनौने अपराध के लिए जिम्मेदार शख्स को सजा मिलते देख रहा है।

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