रायपुर। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण के समर्थन में रायपुर के तेलीबांधा स्थित मरीन ड्राइव पर हम भारत के लोग संगठन के लोगों ने मौन प्रदर्शन किया। सदस्यों ने हाथ में तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशांत भूषण पर लगे मामले को वापस लेने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि प्रशांत भूषण पर जो मामला दर्ज किया गया है, वह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

उमा प्रकाश ओझा ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंदोपाध्याय ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र की जान है। सैयद अकील ने कहा कि अब अभिव्यक्ति के सारे खतरे उठाने होंगे। हमें सारे मठ और गढ़ तोड़ने होंगे। उन्होंने मैं भी प्रशांत भूषण का पोस्टर लेकर विरोध दर्ज कराया।

अधीर भगवानानी ने कहा कि लोकतंत्र की शान तभी है जब तक लोकतंत्र की मूल भावना का और संविधान का सम्मान किया जाए। अंजू मेश्राम ने कहा कि सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है इसका सभी को पालन करना चाहिए। युवा नेता अभिषेक कसार ने कहा कि आलोचना का मतलब अवमानना नहीं होता है। संविधान में आलोचना और अभिव्यक्ति की आजादी है।

मौन प्रदर्शन में संकेत ठाकुर, रियाज अंबर, डॉ राकेश गुप्ता, जीवेश चौबे, अनुमान अकरम, अजीज अहमद, आशिक आलम, एडवोकेट शादिक अली, शकील अहमद, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, तेजिंदर जग्गी, श्रुति ओझा, आद्या तिवारी, आबिद सूर्या, अकील खान सहित अन्य मौजूद थे।

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