बेंगलुरू। कर्नाटक के नीलमंगला से महाराष्ट्र के सोलापुर के लिये पहली रॉल ऑन रॉल ऑफ (रोरो) सेवा को यहां रविवार को हरी झंडी दिखा दी गयी। इस सेवा से दोनों राज्यों के बीच माल की ढुलाई की मौजूदा दिक्कतों के दूर होने का अनुमान है। रोरो सेवा के तहत विभिन्न मालों से लदे ट्रक टैम्पू आदि सड़क पर चलने वाले वाहनों को रेलवे के खुले वैगन के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है। दक्षिण पश्चिम रेलवे में इस तरह की पहली सेवा के ट्रायल को रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाडी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने हरी झंडी दिखाई। येदियुरप्पा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर जोर दे रहे हैं। क्षेत्र में एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) के बाजार में रोरो के लियेजबरदस्त गुंजाइश है। उन्होंने ट्वीट किया, रोरो सेवा परेशानी मुक्त है, सड़क पर दुर्घटनाओं को कम करती है, पर्यावरण के अनुकूल है और ट्रक ऑपरेटरों तथा उद्योगों दोनों के लिये लाभदायक है। बेंगलुरू और सोलापुर के बीच चलने वाली पहली रोरो सेवा को हरी झंडी दिखाकर खुश हूं। सभी संबंधित पक्षों को मेरी शुभकामनाएं। इस सेवा के तहत ट्रेन धर्मावरम गुंटाकल, रायचूर और वाडी से चलकर महाराष्ट्र के सोलापुर के पास बाले तक जायेगी। यह यात्रा 17 घंटे में 682 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।