स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं देने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोलने के पूर्व कोरोना संक्रमण को देखते हुए किया जा रहा है सेनिटाइजेशन।
  •  पालकों और पंचायत प्रतिनिधियों की ली जा रही सहमति
  •  प्रदेश के पहल की यूनिसेफ के राज्य प्रमुख ने की सराहना
  •  कंटेनमेन्ट जोन और जिला प्रशासन द्वारा बंद किये गए क्षेत्रों में आंगबाड़ी संचालित नही होंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं देने तथा गरम भोजन प्रदान करने 7 सितम्बर से आगनबाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे। ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र जो कंटेनमेन्ट जोन में आते हों या जिन क्षेत्रों को जिला प्रशासन द्वारा बंद रखने का निर्णय लिया गया है वहां केन्द्र संचालित नहीं होंगे। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शासन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्रारंभ करने के पहले आवश्यक सावधानियों के संबंध में सभी संभागीय आयुक्तो,कलेक्टरों और महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके परिपालन में आंगनबाडिय़ों में सेनिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है। पालकों और पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी राय और सहमति ली जा रही है। केन्द्रों को शुरू करने के पहले पर्यवेक्षकों,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार के पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आंगनबाड़ी खोलने के कदम की यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जॉब जकारिया ने भी ट्वीट कर सराहना की है। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का मानना है कि कोविड-19 के कारण कुपोषण में बढ़ोत्तरी हो सकती है। अत: कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है।

कोविड-19 के कारण 14 मार्च 2020 से प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद रखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों को घर पहुंचाकर सूखा राशन प्रदान किया जा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण की दर 37 प्रतिशत रही है। अत: कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने की आवश्यकता को देखते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र सीमित समय के लिए खुलेंगे जिससे 3 से 6 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही स्वास्थ्य और पोषण दिवस के तहत बच्चों को टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य जांच की सेवाएं प्रदान की जा सकें। जिला कलेक्टरों द्वारा जिन आंगनबाडिय़ों में गरम भोजन वितरण पर रोक लगाई जाएगी, वहां साप्ताहिक आधार पर रेडी टू ईट का वितरण सुनिश्चित करने कहा गया है। जो हितग्राही आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं आना चाहते उन्हें पूर्व के अनुसार रेडी टू ईट वितरण किया जा सकेगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी संचालन के दौरान सामाजिक दूरी का पालन, मास्क पहनने, साबुन से हाथ धोने सहित सभी सावधानियां बरतने के दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। केन्द्रों को खोलने से पहले 3 से 6 सितम्बर के दौरान उन्हें पूरी तरह से साफ और सेनिटाइज करने कहा गया है। केन्द्र के अंदर हितग्राहियों को अनुमति देने से पहले साबुन से हाथ धोने और स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया गया है। हितग्राकहियों को अलग-अलग समूहों में बुलाने के निर्दश दिए गए हैं। एक समय में अधिकतम 15 लाभार्थियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। गरम भोजन के लिए पात्र हितग्राही 3-6 वर्ष के बच्चे,गर्भवती महिलाएं और सुपोषण अभियान के हितग्रंाहियों को ही केन्द्र में आने की अनुमति होगी।

विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि भोजन सुरक्षित रूप से पकाया जाए,साफ बर्तनों में परोसा जाए और जगह को अच्छी तरह से साफ किया जाए,विस्तृत निर्देश जारी किये हैं। इसके अनुसार आंगनवाड़ी भवनों में प्रवेश के पहले प्रत्येक हितग्राही की स्क्रीनिंग की जाएगी इस दौरान बीमारियों के प्रारंभिक लक्षण का आंकलन भी किया जाएगा। बीमार व्यक्तियों के प्रबंधन और किसी बच्चे या स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि होने की स्थिति के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई हैं। किसी हितग्राही या स्टाफ के संक्रमित पाए जाने पर केन्द्र 3 दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।

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