सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग ऐंगल सामने आने के बाद मंगलवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने रिया चक्रवर्ती को अरेस्‍ट कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने रिया को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया। रिया के वकील सतीश मानश‍िंदे ने रिया के लिए जमानत की अर्जी दी थी, ज‍िसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब मंगलवार की रात रिया को एनसीबी के दफ्तर में बने लॉकअप में ही रखा जाएगा, क्‍योंकि जेल मैनुअल के मुताबिक सूर्यास्‍त के बाद जेल में किसी कैदी की एंट्री नहीं होती।

न्‍यायिक प्रक्रिया के तहत पहले रिया की ज्‍यूडिश‍ियल कस्‍टडी पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। इसमें रिया को 14 दिनों तक न्‍यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया। जबकि रिया के वकील सतीश मानश‍िंदे की ओर से दाखिल जमानत की याचिका पर बाद में सुनवाई हुई। बाद में कोर्ट ने जमानत की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के सामने एनसीबी ने रिया की जमानत का विरोध किया। मंगलवार की रात अब रिया रिया घर नहीं जाएंगी। उन्‍हें अभी जेल भी नहीं भेजा जाएगा क्‍योंकि सूर्यास्‍त के बाद कैदियों की गिनती और उन्‍हें बैरक में भेजे जाने के बाद जेल में एंट्री बंद हो जाती है। ऐसे में रिया को एनसीबी दफ्तर में ही रातभर रुकना होगा जहां से सुबह उन्‍हें जेल भेजा जाएगा।

क्‍यों नहीं मिली जमानत, अब आगे क्‍या करेंगे रिया के वकील
रिया की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अब रिया के वकील सतीश मानश‍िंदे बुधवार को सेशंस कोर्ट में अपील कर सकते हैं। यदि वहां से भी बेल नहीं मिलती तो हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील किया जा सकता है। रिया के मामले में सबसे बड़ा पेच धारा 27 (A) में फंसा। इस धारा में 10 साल कैद की सजा है। रिया के ख‍िलाफ यह धारा लगाई गई है। 27 (A) में अवैध ड्रग ट्रैफिकिंग में पैसे के लेन-देन का का मामला आता है। इसमें अपराधियों को दंडित करने के लिए 10 साल तक सजा का प्रावधान है। अब जिस धारा में 10 साल या उससे अध‍िक सजा का प्रावधान है, ऐसे मामलों में आम तौर पर कोर्ट बेल नहीं देती है।

भायखला जेल का बैरक तैयार, लेकिन हो चुका है सूर्यास्‍त
रिया की गिरफ्तारी के बाद भायखला जेल में उन्‍हें कैद करने की सारी तैयारी पूरी हो गई है। बैरक को सैनिटाइज कर दिया गया। लेकिन अब सूर्यास्‍त हो चुका है। ऐसे में जेल के कानून के मुताबिक, सूर्यास्‍त के बाद किसी कैदी की जेल में एंट्री पर पाबंदी लग जाती है। ऐसे में रिया को न्‍यायिक हिरासत में एनसीबी दफ्तर में ही रात बितानी पड़ेगी।

कोर्ट के सामने दी गईं ये दलीलें
एनसीबी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि रिया चक्रवर्ती मामले में आरोपी है। वह यदि जमानत पर र‍िहा होती हैं तो मामले को प्रभावित कर सकती हैं। रिया ने कई अहम बातें बताई हैं जिन पर जांच जरूरी है। दूसरी ओर, सतीश मानश‍िंदे ने जमानत के लिए दलील में कहा कि एनसीबी के अध‍िकारी खुद कह रहे हैं कि मेरे मुवक्‍किल ने जांच में सहयोग किया है। एनसीबी ने रिमांड नहीं मांगी है क्‍योंकि वह पूछताछ पूरी कर चुकी है। रिया ने खुद ड्रग्‍स नहीं ली, सिर्फ किसी के कहने पर ड्रग्‍स मुहैया करवाई, ऐसे में उन्‍हें जमानत दी जाए। जब भी जरूरत होगी, वह दोबारा जांच में सहयोग करेंगी।

एनसीबी ने रिया को बताया ड्रग सिंडिकेट का ऐक्‍ट‍िव मेंबर
बता दें, एनसीबी ने रिमांड कॉपी में रिया को ड्रग सिंडिकेट का ऐक्‍ट‍िव मेंबर बताया है। इसके मुताबिक, रिया ने ड्रग लेने की बात नहीं कबूली है। वह सुशांत सिंह राजपूत के लिए ड्रग्‍स मुहैया करवा रही थीं और पेडलर के संपर्क में थीं। सुशांत के कहने पर पेडलर्स को पैसे रिया ने दिए थे।

रिया के जरिए सुशांत तक पहुंचता था ड्रग
रिमांड कॉपी में कहा गया है कि शौविक के जरिए रिया तक ड्रग्‍स आते थे। ड्रग पेडलर सुशांत के स्‍टाफ सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत को ड्रग सौंपते थे जो बाद में रिया के जरिए सुशांत तक पहुंचते थे। रिया के जरिए ड्रग पेडलर को पेमेंट करवाया जाता था जिसके लिए पैसे सुशांत देते थे।
कॉपी में यह भी कहा गया है कि रिया ने जांच में सहयोग किया है। शौविक, सैमुअल, दीपेश के पास से कोई ड्रग्‍स नहीं मिले हैं। शौविक चक्रवर्ती द्वारा अब्‍दुल बासित परिहार और जैद विलात्रा के जरिए ड्रग फैसिलिटेट किया जाता था। सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत इस ड्रग को पेडलर्स से लेते थे। रिया और सुशांत इसके लिए पेमेंट देखते थे।

रिया देखती थीं पैसों का लेन-देन
रिमांड कॉपी में एनसीबी ने लिखा है कि शौविक या रिया ने ड्रग्‍स सीधे तौर पर नहीं खरीदे। दोनों ड्रग्‍स मुहैया करवाने जरूर भागीदार थे। रिमांड कॉपी में एनसीबी ने लिखा है कि ड्रग्‍स के लिए पैसों के लेन-देन में रिया और सुशांत की भागीदारी थी। वह शौविक, सैमुअल और दीपेश को ड्रग्‍स लेने के लिए निर्देश देती थीं। पैसों का लेन-देन देखती थीं।

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