नई दिल्ली। एक अभिनव घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज देश के 50वें चीफ जस्टिस तौर पर पदभार ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के पद की शपथ दिलाई। उन्होंने सीजेआई यूयू ललित की जगह ली है, जो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले छह नवंबर को सीजेआई यूयू ललित को औपचारिक सेरेमोनियल बेंच गठित कर विदाई दी गई थी।

अभिनव घटनाक्रम इसीलिये क्योंकि उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ देश के सुप्रीमकोर्ट के 16 वें प्रधान न्यायाधीश थे ऐसा पहली बार हुआ।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस थे जिनका कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक करीब सात साल रहा। यह किसी सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के भी इतिहास का पहला उदाहरण है कि पिता के बाद बेटा भी सीजेआई बनेगा।

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