शीलकान्त पाठक और सुख़नवर हुसैन उपाध्यक्ष बनाया गया

रायपुर, 7 अप्रैल 2024। मोतीबाग के पास मधुकर खेर स्मृति भवन रायपुर में आज रायपुर जिला जनवादी लेखक संघ का गठन किया गया।


जनवादी लेखक संघ रायपुर के संस्थापक सदस्यों वरिष्ठ कवि भगतसिंह सोनी एवं शीलकान्त पाठक की उपस्थिति में आयोजित बैठक में डॉ सुखनंदन सिंह धुर्वे को जिला अध्यक्ष तथा शीलकान्त पाठक एवं उर्दू साहित्य के सुपरिचित शायर सुख़नवर हुसैन को उपाध्यक्ष बनाया गया। कोषाध्यक्ष के लिये शिज्जु शकूर को जिम्मेदारी दी गयी। जिला सचिव तथा संयुक्त सचिव के पद पर महिलाओं के लिये स्थान सुरक्षित रखा गया है जिसे अगली बैठक में घोषित किया जाएगा।
बैठक की शुरुआत में छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ के महासचिव पी सी रथ ने आज के संदर्भ में जनवादी लेखक संघ की महत्वपूर्ण भूमिका और जरूरत पर बल दिया, उन्होंने छत्तीसगढ़ में हिंदी और उर्दू के साहित्यकारों के योगदान के बारे में नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिये पहल करने की जरूरत बताई।
बैठक में जलेस से 1982 से जुड़े भगतसिंह सोनी ने आज के हालात में हिंदी के अखबारों की भाषा में सुधार की जरूरत बताई, हिंदी के महत्व के लिये सभी कक्षाओं में सभी विधाओं का साहित्य शामिल किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ कवि तथा रचनाकार शीलकान्त पाठक ने मौजूदा समय में मनुष्य विरोधी ताकतों के हावी होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उससे बचाव के लिये अच्छी शिक्षा की जरूरत बताई।
‘देवी’ जो शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं उनका मानना था कि युवाओं के बीच चयनित साहित्यकारों की रचनाओं पर केंद्रित छोटी छोटी कार्यशालाओं के आयोजन से उन्हें साहित्य की ओर आकृष्ट किया जा सकता है। हिंदी अध्यापन से जुड़ी रचनाकार ऋचा ने पुस्तकों को पढे जाने की संस्कृति विकसित किये जाने की जरूरत बताई इसके लिये युवा क्लबों को विविध गतिविधियों में जोड़ने पर उन्होंने जोर दिया। रंगकर्मी शेखर नाग ने सामाजिक परिवर्तन में साहित्य तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
नंदन जी ने आज गंभीर रचनाकर्म न होने को दुखद बताते हुए आज की सबसे बड़ी चुनोती न पढ़ने वाले युवा वर्ग को बड़ी समस्या के रूप में रेखांकित किया।

दूसरे चरण में हुआ काव्यपाठ –
बैठक दूसरे चरण में वरिष्ठ कवि प्रेम मुंडेजा ने अपनी सहज हास्यबोध की कविताओं से बैठक का रस परिवर्तन किया। इसके पश्चात देवी ने अपने नए काव्यसंग्रह की स्त्री विमर्श की कुछ कविताएं सुनाई – उनकी “हम सब गांधारी और इलाहाबाद के पथ पर ही नही” , कविताएं स्त्रियों के हालात का बयान करती हुई लगीं। वरिष्ठ कवि शीलकान्त पाठक ने अपनी व्यापक कलेवर वाली सहज कविता से श्रोताओं का मन मोह लिया। इसी क्रम में नंदन जी ने ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में स्त्री के दमन पर प्रश्नचिन्ह खड़ी करने वाली कविता की प्रस्तुति की।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में रायपुर जिला पदाधिकारियों के मनोनयन की घोषणा की गई।
जनवादी लेखक संघ का अगला आयोजन मजदूर दिवस एक मई 2024 को आयोजित किये जाने के संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

 

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