नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अभी दो चरण बाकी हैं लेकिन मायावाती को लग रहा है अगर कोई दिल्ली जाने की संभावना बनती है तो वे अंबेडकर नगर की सीट से ही चुनाव लड़ेगी. हालांकि उनके गठबंधन के साथी अखिलेश यादव इस पर गोल मोल जवाब दे रहे हैं लेकिन मायावती ने अपना दावा ठोंक कर राजनीति के गलियारों में नई बहस छेड़ दी है.
अंबेडकर नगर में आयोजित एक रैली में मायावाती ने कहा कि अगर उन्हें दिल्ली जाने का मौका मिलता है तो वे इसी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. बता दें कि अंबेडकर नगर मायावाती का गढ़ है. वे यही से चुनाव लड़ती आ रही हैं और हमेशा जीती भी हैं. वे जब चुनाव नहीं लड़तीं तो बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी यहां से जीत जाता है. मायावती की इस इच्छा पर एक खबरिया चैनल ने जब अखिलेश यादव से राय जाननी चाही तो उन्होंने 23 मई तक का इंतजार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि मायावती के लिए समर्थन जुटाना होगा. अभी तो 23 मई तक इंतजार कीजिए. बता दें कि मायावती पहले भी इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री बनने की बता कह चुकी है.

दक्षिण में गठबंधन की पहल शुरू
उत्तर में तो सियासी समीकरण बिठाने की कोशिश की ही जा रही है तो दक्षिण में इसकी पहल शुरू हो गई है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता पिनरई विजयन से मुलाकात की है. इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि श्री राव ने थर्ड फ्रंट बनाने की पहल कर दी है. लोकसभा चुनाव के बीच दक्षिण के दो बड़े चेहरों की यह पहली मुलाकात है. ऐसा कहा जा रहा है कि अब श्री राव तमिलनाडु जाकर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन भी मुलाकात कर सकते हैं.

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