बस्तर और सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरणों से आदिवासी छात्राओं के जी.एन.एम. नर्सिंग प्रशिक्षण के लिए 51.20 लाख रूपए  स्वीकृत

‘ रेंगकर मुख्यमंत्री निवास तक जाने‘ की घोषणा के बाद यह स्पष्टीकरण आया , फीस मिलते तक जारी रहेगा प्रदर्शन

रायपुर, 21 जून 2019 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बस्तर और सरगुजा की अनुसूचित जनजाति वर्ग की नर्सिंग कर रही छात्राओं को पिछले दो साल से छात्रवृत्ति नही मिलने की समस्या को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल आवश्यक पहल करते हुए बस्तर और सरगुजा प्राधिकरणों से इन छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए कुल 51 लाख 20 हजार रूपए की राशि जारी कर दी गई है.
बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्य सचिव और बस्तर कमिश्नर ने 22 छात्राओं के द्वितीय और तृतीय वर्ष के जी.एन.एम. प्रशिक्षण के लिए कुल 35 लाख 20 हजार रूपए स्वीकृत करते हुए राशि संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर संभाग को आबंटित कर दी है, इसी तरह सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्य सचिव और कमिश्नर सरगुजा द्वारा 10 आदिवासी छात्राओं के निजी प्रशिक्षण केन्द्रों में द्वितीय और तृतीय वर्ष के जी.एन.एम. प्रशिक्षण के लिए कुल 16 लाख रूपए स्वीकृत करते हुए राशि संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सरगुजा संभाग को राशि का आबंटन कर दिया गया है.
प्रदेश में वर्ष 2016 में यूरोपियन कमीशन की ईसीएसपीपी कार्यक्रम के तहत इन आदिवासी छात्राओं को निजी नर्सिंग कालेजों में प्रवेश दिलाया गया था, लेकिन आर्थिक अनियमितता के चलते इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया इसके चलते तत्कालीन सरकार द्वारा छात्राओं को छात्रवृत्ति भी देना बंद कर दिया गया, जबकि यह राशि यूरोपियन कमीशन से पूर्व में ही राज्य सरकार को दी जा चुकी थी. छात्रवृत्ति बंद हो जाने से इन आदिवासी छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इनके परिवारों को भी इस प्रशिक्षण को आगे जारी रखने के लिए जमीन-जायजाद को गिरवी रखकर कर्ज भी लेना पड़ा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन नर्सिंग छात्राओं की समस्याओं को गंभीरता से लिया जिसके परिणाम स्वरूप छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए बस्तर और सरगुजा विकास प्राधिकरणों से आवश्यक राशि जारी हो सकी.

छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी-अभी बस्तर और सरगुजा की नर्सिंग छात्राओं के लिए 51 लाख रुपये छात्रवृत्ति के जारी कर दिए जाने की सूचना दी है.

संजय पराते ने उठाये कुछ जरुरी सवाल

इन छात्राओं के लिए फरवरी 2019 से प्रयास करने प्रदेश सचिव, माकपा, छग संजय पराते ने विज्ञप्ति जारी करके कुछ सवाल उठाये हैं कि यह राशि जारी हुए 20 दिन से ज्यादा हो चुके है. पिछले तीन साल से यह राशि सरकार के पास ही रखी हुई है. बस्तर में यह राशि कमिश्नर बांटेंगे या संयुक्त संचालक स्वास्थ्य, यह अभी तक तय नही हुआ है. असली सवाल है, छात्राओं को छात्रवृत्ति मिले, जो कब मिलेगी, कोई बताने के लिए तैयार नहीं है. छात्राओं से अधिकारी सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं है और ऐसा जता रहे हैं कि उनकी छात्रवृत्ति देकर वे उन पर कोई अहसान करने जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री से छात्राएं 1 मार्च को मिली थी. आज उनके उनके ‘ रेंगकर मुख्यमंत्री निवास तक जाने‘ की घोषणा  के बाद यह स्पष्टीकरण आया है. इस छात्रवृत्ति को रायपुर से जगदलपुर पहुंचने में चार माह लग गए, तो पीड़ित छात्राओं तक कब तक पहुंचेगा, यह भी सरकार बताए.राशि मिलते तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा 24 का आयोजन भी जरुर होगा क्योकि योरोपीय कमीशन से फंड मिलने के दो साल तक भी जब फीस नहीं मिली तो अभी भी कब तक भरोसा करें. जब  विकास प्राधिकरण से पैसे जारी किए गए हैं, तो यूरोपीयन कमीशन द्वारा दिये गए पैसे कहां गए? किन भ्रष्ट अधिकारियो को बचा रही है सरकार ?

 

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