नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से मजीठिया वेजबोर्ड के एक मामले में एक कर्मचारी की जीत की खबर आ रही है. पता चला है कि दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप में साढ़े तीन साल के करीब काम करने वाले एक सिक्योरिटी गार्ड को मजीठिया के क्लेम की एवज में कंपनी ने ढाई लाख रुपये का चैक देते हुए कोर्ट में समझौता कर लिया है. बताया जा रहा है कि इस केस की पैरवी यूनियन के प्रतिनिधि के तौर पर खुद अमर उजाला अखबार से मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे पत्रकार रविंद्र अग्रवाल कर रहे थे. पता चला है कि इस केस में कंपनी शुरू में पचास-साठ हजार रुपये देकर मामला निपटाना चाहती थी, मगर जैसे ही मजीठिया वेजबोर्ड की जानकारी रखने वाले रविंद्र अग्रवाल ने एआर के तौर पर खुद कोर्ट में इस कर्मचारी की पैरवी की तो हार के डर से कंपनी दबाव में आ गई और अपने इस कर्मचारी के साथ ढाई लाख रुपये में समझौता करने को तैयार हो गई. फिलहाल हिमाचल में मजीठिया वेजबोर्ड के तहत किसी अखबार कर्मचारी को अदालत के माध्यम से उसके एकाउंट में पैसा पहुंचने का पहला मामला है. यहां ये भी गौरतलब करने वाली बात है कि उस कर्मचारी के पद और सर्विस कार्यकाल के हिसाब से उसका क्लेम बहुत बड़ी रकम का नहीं था.