किसानों के इस मुद्दे पर जोगी कांग्रेस और बसपा ने भी भाजपा का दिया साथ 

रायपुर 16 जुलाई 2019. किसानों के मुद्दे पर आज सदन में खूब हंगामा हुआ. विपक्ष ने किसानों से वादाखिलाफी, खाद बीज की अनुपलब्धता, बिजली की कटौती जैसे मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया था. स्थगन प्रस्ताव को लेकर विपक्षी सदस्यों ने चर्चा कराने की मांग की, लेकिन विपक्ष के इस स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया गया. भाजपा की तरफ से लाये गये स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर भी चर्चा कराने की भी मांग सदन में हुई. इसके बाद पहले सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. .

स्थगन प्रस्ताव के मुद्दे पर दोबारा जब कार्रवाही शुरू हुई, तो उस दौरान भी जमकर हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से जमकर नोंक-झोंक भी हुई. इसी बीच आसंदी की तरफ से स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया. आसंदी से स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य किये जाने के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. नारेबाजी के बीच ही जब आसंदी ने ध्यानाकर्षण पर चर्चा शुरू कर दी तो विपक्ष नारेबाजी करते हुए वेल में आ गया.

विधानसभा के नियम के मुताबिक वेल में आने पर विधायक स्वत: निलंबित हो जाते हैं, लेकिन बीजेपी, जोगी कांग्रेस और बसपा विधायक वहीं धरने पर बैठ गये. बार-बार निर्देश मिलने के बावजूद सदन से बाहर विपक्षी विधायक नहीं गये. करीब 20 मिनट तक सदन में इसी तरह का शोर शराबा चलता रहा. जिसके बाद विपक्षी के विधायकों ने बहिष्कार का ऐलान करते हुए सदन को छोड़ दिया और फिर बाद में बाहर गांधी की प्रतिमा के नीचे आकर धरने पर बैठ गये. बाहर निकले रमन सिंह ने सरकार पर किसानों के मुद्दे पर हठधर्मिता का आरोप लगाया. रमन सिंह ने कहा कि…

“सदन में सरकार किसानों के मुद्दे पर हठधर्मिता दिखा रही है, वो चर्चा नहीं करना चाहती, पूरे प्रदेश के किसान सदन की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं लेकिन सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा ही नहीं कराना चाहती है, विधानसभा में हम खाद बीज के मुद्दे पर चर्चा चाहते थे, वादाखिलाफी के मुद्दे पर चर्चा कराना चाहते थे, लेकिन सरकार इन सभी को अनदेखी कर रही है, सदन मंदिर है, इसे छोड़ते हुए हमें भी पीड़ा होती है, लेकिन सरकार का जिस तरह का रुख है, उससे साफ हो गया है कि ये सरकार किसान विरोधी है, इसलिए हमने आज बहिष्कार किया है”

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