मंतूराम पवार ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग

रायपुर. ( एजेंसिया )अंतागढ टेपकांड मामले में आज सुनवाई हुई जिसमें मंतूराम पवार भी गवाही देने पहुंचे हुए थे गवाही के दौरान मंतूराम पवार ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पूरी डील साढ़े सात करोड़ रुपए में हुई थी और पैसों का लेनदेन पूर्व मंत्री राजेश मूणत के घर में हुआ था बयान दर्ज कराने के बाद मंतूराम पवार ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की ,मंतूराम ने बताया खुद की जान को खतरा, मंतूराम ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की- बताया खुद की जान को खतरा,

अंतागढ टेपकांड मामले में आज सुनवाई हुई जिसमें मंतूराम पवार भी गवाही देने पहुंचे हुए थे गवाही के दौरान मंतूराम पवार ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पूरी डील साढ़े सात करोड़ रुपए में होने की जानकारी उन्हें मिली थी जिसकी जाँच की जानी चाहिए .

अंतागढ़ टेपकांड में अपने धमाकेदार खुलासे से छत्तीसगढ़ की सियासत को हिला देने वाले भाजपा नेता मंतूराम पवार ने एक और बेहद चौकाने वाला खुलासा किया है. मंतूराम पवार ने बताया है कि नाम वापसी कराने की साजिश में कांकेर के तत्कालीन एसपी भी शामिल थे. आपको बता दें कि साल 2014 में कांकेर के एसपी आरएन दास थे.जिनके द्वारा बात मानने का दबाव बनाने , व धमकाने का बयान मंतुराम द्वारा दिया गया है .

कांकेर के तत्कालीन एसपी ने भी उन्हें नाम वापसी के लिए दवाब बनाया था, एसपी ने मुझसे कहा था कि चुपचाप जो कहा जा रहा है उसे मान लो, नहीं तो झीरम की तरह तुमको भी निपटा दिया जायेगा

उनका कहना था की इस बात की जानकारी होने तथा बता नहीं पाने के कारण तनाव महसूस कर रहा था .

मंतुराम ने कोर्ट में यह बयान दर्ज कराया है कि, अंतागढ़ टेप कांड में साढ़े सात करोड़ रुपए की डील हुई थी, और यह डील मंत्री राजेश मूणत के बंगले पर हुई थी.

बताया जाता है कि इस बयान में मंतुराम पवार ने यह दावा भी किया है कि, इस पूरे मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी,तत्कालीन विधायक अमित जोगी शामिल थे. मंत्री राजेश मूणत के बंगले पर साढ़े सात करोड़ रुपए का लेन देन हुआ था.

विदित हो कि अंतागढ़ में उपचुनाव था और कांग्रेस की ओर से मंतुराम पवार प्रत्याशी थे, जिन्होंने एन वक्त पर नाम वापसी के ही दिन अपना नाम  वापस ले लिया था, जिसके कारण कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा कर सकी थी  और भाजपा प्रत्याशी को उसका सीधा लाभ मिला था .  तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल पर यह राजनैतिक हमला माना गया. इस पूरे प्रकरण को लेकर एक सीडी वायरल हुई जिसमें कथित तौर पर अमित जोगी, अजित जोगी, डॉ पुनीत गुप्ता, मेनन और फिरोज सिद्दकी की आवाज़ें थी। यह कथित सीडी यह संकेत देती थी मंतुराम पवार को जानबूझकर नाम वापस कराया गया.

कांग्रेस शासनकाल आते ही इस मसले को लेकर एसआईटी गठित की गई और फिर पंडरी थाने में अपराध दर्ज किया गया था. पंडरी थाने में दर्ज अपराध किरणमयी नायक प्रार्थी हैं जबकि आरोपी के रुप में मंतुराम पवार, अजित जोगी अमित जोगी और डॉ पुनीत गुप्ता के नाम दर्ज है.अब इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डा रमनसिंह भी इसकी जद में आते दिखाई दे रहे हैं, कुछ महीने पहले इसी मामले में थाने में गवाही के लिए बुलाये जाने के पहले डा रमनसिंह से मिल कर आया करते थे मंतुराम पवार, अब किस तरह उन्होंने रास्ता बदला ये अभी रहस्य है .

 

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