जगदलपुर। बस्तर जिले के माचकोट तिरिया इलाके में नक्सलियो की मौजूदगी लंबे समय बाद एक बार फिर देखने को मिली है। ग्राम कावापाल इलाके में नक्सलियों की कांगेर घाटी एरिया कमेटी ने पेड़ में पर्चा चिपकाकर इलाके के संगठन के लोगों से आत्मसमर्पण नहीं करने को कहा है। नक्सलियो ने अपने पर्चे में लिखा है कि यह एक चेतावनी है। और इसके बाद भी नहीं मानते तो जनअदालत में ऐसे लोगों को मौत के घाट उतारा जाएगा। वहीं उन्होंने आदिवासियों से कहा है कि वे जंगल छोडकऱ न जाये बल्कि जंगल के मालिक बनकर रहें। इसके अलावा समर्पण करने वालों को उन्होंने गद्दार कहा है।

नक्सलियों ने अपने पर्चे मे 20 लोागों को गद्दार बताते हुए उन लोगों का साथ नही देने की अपील करते हुए तीन अलग-अलग पर्चे फेंककर की हैं। उन्होंने कुमाकोलेंगे के उपसरपंच दिलीप धाकड़ व अन्य 20 लोगो का नाम लिखकर इन्हें गद्दार कहा है। और इनका साथ नहीं देने की अपील जनता से की है। इसके अलावा नक्सलियों ने वनोपज का रेट तय किया है। बस्तर में मिलने वाले वनोपज के लिए सरकार न्यूनतम दर तय करती है। लेकिन नक्सलियों ने इस बार वनोपज का मूल्य तय किया है। माचकोट इलाके में तीसरे और चौथे पर्चे में बस्तर में मिलने वाले वनोपज का दाम लिखा है। इसमें एक पर्चा दरभा एरिया कमेटी ने तो दूसरा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ और क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन जन चेतना नाट्य मंच दक्षिण बस्तर डिविजन ने जारी किया है। यह दोनो पर्चा पूर्णत: गोंडी में लिख हुआ है। सूत्रो के मुताबिक नक्सलियों ने उनके बताए दाम से कम पर अपने वनोपज को ग्रामीणों को नहीं बेचने का फरमान जारी किया है।

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