छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण के चुनाव आज सम्पन्
भारी मात्रा में ई वी एम मशीनों की खराबियों , गलत चिन्हों पर वोट ट्रांसफर की शिकायतों के बीच 70 % से अधिक मतदान
रायपुर. छत्तीसगढ़ के पहले चरण का मतदान राजनांदगांव,बस्तर क्षेत्र के सीटों के लिए 12 नवंबर को हुआ था। आज हुआ दूसरा चरण का मतदान खामोश रहे मतदाता की मूल चाहत को प्रतिबिंबित करेगा।
दूसरी ओर क्या मुख्यमंत्री हार रहे है? इस मुद्दे पर दक्षिण कोसल के संपादक उत्तम कुमार लिखते हैं –
विभिन्न कयासों के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा लिए चुनाव में दूसरे और अंतिम चरण के लिए कुल 72 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है । चुनाव आयोग के अनुसार इस चरण में 71.93 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है । इस चरण में करीब 50 मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं है जो ईवीएम के विश्वनीयता पर सवाल खड़े करते हैं । जिसकी कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के दल से शिकायत की है । दूसरे चरण में करीब 1,079 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे । इनमें 119 महिलाएं शामिल हैं ।
छत्तीसगढ़ में इससे पहले पहले चरण के लिए 12 नवंबर को पहले चरण के तहत नक्सल प्रभावित 18 विधानसभा सीटों के लिए करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ था । मतों की गणना 11 दिसंबर को की जाएगी । छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री रमन सिंह नेतृत्व में भरोसा करते हुए लगातार तीन बार सत्ता में रहने के बाद चौथी बार जीतने का दावा कर रही है । दूसरी ओर कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर की मदद से भाजपा से सत्ता छीनने की उम्मीद लगाए बैठी है । उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) तथा कम्युनिस्टों के साथ सत्ता की तीसरी दावेदार बनने की कोशिश में है ।
ईवीएम में गड़बड़ियों से लोगों में भरोसा टी उठा है । साथ ही मशीन पर समय समय पर लगाए जा रहे मशीन के हैक होने तथा किसी एक पार्टी के पक्ष में वोट पड़ने की बात भी सामने आई है । जानकारों कहना है कि जिस देश ने इसे बनाया उसने भी अपने देश में इसे अमल में नहीं लाया है ।कई राजनैतिक पार्टियों द्वारा समय समय पर इसके इस्तेमाल पर संदेह जताया है लेकिन चुनाव आयोग मालूम नहीं किस दबाव में इसे निष्पक्ष चुनाव लिए इस्तेमाल में ला रही है । दूसरी ओर बड़ी मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों पर ऐसा क्या दबाव है कि वह इसके इस्तेमाल में हामी भरते आ रही है । कहीं ऐसा तो नहीं देश एक पार्टी एक नाजायज वोट की दिशा में आगे बढ़ रही है ।
- क्या एग्जिट पोल सच साबित होगी? एबीपी न्यूज़ – सी वोटर के 14 अगस्त के सर्वे में भाजपा को 33 , कांग्रेस को 54 और अन्य को 3 सीटें तथा 17 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 40 , कांग्रेस को 47 और अन्य को 3 सीटें तथा 2 नवम्बर के हालिए सर्वे में छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में भाजपा को 43 , कांग्रेस को 42 और अन्य को 06 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।टाइम्स नाउ – वार रूम स्ट्रेटजीज़ के 9 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 47, कांग्रेस को 33 और अन्य को 10 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गयी, सी -वोटर की ताज़ी कयासबाजी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को कुल 90 में से 47 सीटें और 38 .0 9 प्रतिशत वोट मिलने का कयास है। वहीं न्यूज़ नेशन ने 10 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 46 , कांग्रेस को 39 और अन्य को 5 सीटें मिलने की कयास लगाया है । जबकि इंडिया टीवी -सीएनएक्स के द्वारा 25 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 50, कांग्रेस को 30 और अन्य को 10 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी। कयास यह भी है कि भाजपा की 40 सीटों पर ही जीत होगी और उसे 38 . 0 6 प्रतिशत वोट मिलेंगे। अन्य को तीन सीटें और 22 . 0 5 प्रतिशत वोट मिलने का कयास है। इस तरह इन सर्वे में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि अन्य में से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी और उसके गठबंधन तथा आम आदमी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? कुलमिलाकर लोगों का रुझान बदलाव का है अर्थात क्या कमजोर और कई सालों से मजबूत नेतृत्व का बाट जोह रहा कांग्रेस भाजपा 15 साल बाद सत्ता में लौटेगा । राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत कहे जाने वाली पार्टी राज्य में किसानों की समस्या, शिक्षकों का संविलियान, आदिवासियों की हर दिन हत्या, नोटबंदी, जी एस टी, बैंकों का दिवालिया तथा बेरोजगारी सरकार के खात्मे लिए ताबूत में अंतिम कील ठोक दी है ।