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रायपुर/बिलासपुर । कोरोना मरीज के नाम को लेकर ऐसा कंफ्यूजन फैला कि प्रशासन से लेकर राज्य शासन तक सकते में आ गयी। हालांकि 2 घंटे बाद जब एम्स ने नाम को लेकर गलती स्वीकारी तब जाकर जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। दरअसल हुआ यूं कि कोरबा के कटघोरा में जिस वक्त 4 मरीजों की रिपोर्ट पॉजेटिव आयी थी, उसी दौरान बिलासपुर जिला प्रशासन को भी इस वक्त की सूचना मिली कि बिलासपुर जिले की भी एक मरीज की रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है।

एम्स से मिली सूचना के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया, आनन-फानन में राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग सभी सूचना दी गयी। इधर जिला प्रशासन ने जब अपना रिकॉर्ड खंगाला तो पाया कि संबंधित नाम की महिला की रिपोर्ट पहले ही आ चुकी है, जिसमें उसे निगेटिव बताया गया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ये निर्देश दिया गया कि एम्स की तरफ से सूचना दी गयी है, लिहाजा महिला को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाये। लिहाजा क्विक एक्शन लेते हुए कलेक्टर संजय अलंग के निर्देश पर महिला को सिम्स में भर्ती करा दिया गया। करीब दो घंटे तक महिला कोरोना पॉजेटिव मरीज के नाम पर अस्पताल में भर्ती रही।

इसके बाद एम्स की तरफ से दोबारा बिलासपुर जिला प्रशासन को इस बात की सूचना दी गयी कि जिस महिला को कोरोना पॉजेटिव रिपोर्ट बताया गया था, वो बिलासपुर की नहीं है, बल्कि कटघोरा की है। एम्स की इस सूचना के बाद जिला प्रशासन के माथे पर बल आ गया। जिस सूचना के आधार पर करीब 2 घंटे तक अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर इलाके को सील करने तक प्रक्रिया की गयी, वो तो फिलहाल रोक दी गयी है, लेकिन एक चूक ने कई सारे सवाल जरूर खड़े कर दिये हैं।

इधर बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा ने भी इस चूक की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर लिया है कि नाम के कंफ्यूजन की वजह से ये चूक हुई है, पांचवा मरीज बिलासपुर का नहीं कोरबा का है।

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