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 जिले से 05 हजार से 08 तक अनुमानित ग्रामीण मजदूरों का पलायन चिंताजनक

बीजापुर। जिले में 05 हजार 03 सौ से अधिक लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। होम च्ॉरेंटाइन में रखे जाने की सबसे बड़ी संख्या बीजापुर जिले में सामने आ रही है, इसका मुख्य कारण बीजापुर जिले के ग्रामीणों के द्वारा मजदूरी के लिए हैदराबाद तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे सीमावर्ती राज्यों में चले जाते हैं। पूरे देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन के बाद बीजापुर के ग्रामीण मजदूर मजबूरन अपने ग्राम वापस पहुंचने लगे जिससे चलते बीजापुर जिले में होम च्ॉरेंटाइन में 05 हजार 03 सौ ग्रामीणों को रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि बीजापुर जिला नक्सल प्रभावित संवेदनशील जिला माना जाता है। यहां नक्सलवाद के कारण स्थानीय स्तर पर रोजगार का कितना बड़ा अभाव है, इसका सहज अनुमान इसी से लगाया जा सकता है की 05 हजार 03 सौ स्थानिय ग्रामीण मजदूरों को होम आइसोलेशन में रख गया है। होम च्ॉरेंटाइन में रखना प्रशासन की मजबूरी है, लेकिन यह सुखद है कि अब तक हैदराबाद-तेलंगाना और महाराष्ट्र से वापस लौटे ग्रामीण मजदूरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं। यदि इन मजदूरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पॉजिटिव रिपोर्ट मिल जाती तो इस पिछड़े क्षेत्र में बड़ी संख्या में जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता था। पड़ोसी राज्य तेलंगाना के एटुनगरम बस्ती में एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर से बीजापुर जिले में खतरे की घंटी बज गई है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र से किसी को भी छत्तीसगढ़ में दाखिल होने की इजाजत नहीं है। कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीणों की जागरूकता बस्तर संभाग को बचाए हुए है।

गौरतलब है कि बीजापुर जिले से 05 हजार 03 सौ से अधिक ग्रामीण मजदूरों का पलायन होना चिंताजनक है। यहां यह भी बताया जाना आवश्यक है कि बीजापुर जिले के 05 हजार 03 सौ स्थानिय ग्रामीण मजदूरों के वापस लौटने का आंकड़ा प्रशासन के पास है। लेकिन कितने और मजदूर जो कि वापस नहीं लौटे हैं इसकी कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक जिले से 05 हजार से 08 तक ग्रामीण मजदूरों का पलायन प्रति वर्ष हो रहा है, इस विषय पर राज्य शासन को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
बीजापुर के सीएमएचओ बीआर पुजारी ने बताया कि जिले में लगभग 05 हजार 03 सौ लोगों को होम आइसोलेशन पर रखा गया है। होम आइसोलेशन में रखे गए ग्रामीणों में से ज्यादातर लोग मिर्च तोडऩे खेत मजदूरी करने के लिए तेलंगाना गए थे। वहीं सौ से लेकर डेढ़ सौ ग्रामीण बोरवेल के काम में तेलंगाना गए थे। इन लोगों की पूरी निगरानी होम आइसोलेशन के दौरान रखी जा रही है।

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