मामला लॉक डाउन में तेलंगाना से पैदल लौटने के दौरान नाबालिक की मौत का

बीजापुर। जिले के ग्राम आदेड़ की 12 वर्षीय नाबालिक जमलो मडक़म की मृत्यु लॉक डाउन में तेलंगाना से वापस लौटने के दौरान एक सौ किमी पैदल चलकर 18 अप्रैल को बीजापुर के मोदकपाल पहुंचेने के बाद डिहाइड्रेशन का शिकार होकर बच्ची जमलो की मौत हो गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने जिले की मृतक बालिका जमलो मडक़म की मृत्यु पर तेलंगाना के संबंधित नियोजक और एजेंट कुमारी सुनीता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। बीजापुर के श्रम निरीक्षक द्वारा कोतवाली बीजापुर में बुधवार को अवैध मानव तस्करी के आरोप में नियोजक तेलंगाना के संतोष मंचाल और एजेंट कुमारी सुनीता मरकामी के एफआईआर दर्ज करायी गई है।

उल्लेखनिय है कि मृतक बालिका जमलो मडक़म को सुनीता मरकाम एजेंट द्वारा अन्य 11 श्रमिकों के साथ तेलंगाना के संतोष मंचाल नियोजक के संस्थान में मिर्ची तोडऩे के कार्य के लिए लेकर गई थी। जिसकी सूचना श्रम विभाग को नहीं दी गई थी। लॉकडाउन होने के कारण जंगल के रास्ते से सभी श्रमिक कुमारी सुनीता मरकामी के माध्यम से वापस ग्राम आदेड जिला बीजापुर आ रहे थे। मृत्यु होने की जानकारी के बाद श्रम निरीक्षक के द्वारा पृथक जांच उपरांत ज्ञात हुआ कि कुमारी सुनीता मरकामी के द्वारा श्रम विभाग जिला बीजापुर को बिना कोई सूचना दिए 05 नाबालिक बच्चों को तेलंगाना लेकर गई है। जो अवैध मानव तस्करी के श्रेणी में आता है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजापुर जिले के ग्राम आदेड़ की 12 वर्षीय कुमारी जमलो मडक़म की मृत्यु पर तात्कालिक सहायता के रूप में कुमारी मडक़म के परिवारजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक लाख रूपए की सहायता राशि स्वीकृत की थी। इसके पश्चात बीजापुर कलेक्टर से चर्चा उपरांत मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान कोष से 04 लाख रूपए की अतिरिक्त स्वीकृति दी है। इस प्रकार कुमारी मडक़म के परिवारजनों को कुल 05 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है।

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