धमतरी। कोरोना संक्रमण से रोकथाम को लेकर देशभर में लॉकडाउन किया गया है लेकिन परिंदों के लिए यह लॉकडाउन कोई मायने नहीं रख रहा है। सर्दियों के मौसम में अलग अलग देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर जिले में पहुंचे प्रवासी पक्षी अब गर्मी बढऩे के साथ ही वापस अपने वतन की ओर उड़ान भरने लगे है। हालांकि अभी भी कुछ प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां यहां मौजूद है जो इस माह तक अपने वतन लौट जाएगी। शायद ही दुनिया का कोई आबाद कोना हो जहां किसी न किसी तरह के पंछी न होते हो और ये पंछी समय और परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल भी लेते है अपना जीवन बचाने के लिए ये अपने मूल स्थान से हजारों किलोमीटर दूर जाने से भी परहेज नहीं करते।
धमतरी जिला प्राकृतिक संसाधनों से भरा पड़ा है यहां का मौसम भी न बहुत ज्यादा गर्म है और न बहुत ज्यादा ठंडा, यही कारण है कि जिले के आबोहवा इन प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करते है जिसके वजह से दुनिया भर से खूबसूरत परिंदे उड़कर यहां प्रवास के लिए आते हैण्इन्ही प्रवासी पक्षियों में से एक क्रेस्टेड बंटिंग और ब्लैक हेडेड बंटिंग जो कि जिले में देखे गए है। प्रवासी पक्षी के्रस्टेड बंटिंग यूरोप से ठंड बिताने के लिए भारत आते है भारत में इनका मुख्यत: भोजन धान का फसल होता है चुंकि जिले में ज्यादातर धान की ही उपज होती है लिहाजा ये पक्षी यही ठहर जाते है।
वही ब्लैक हेडेड बंटिंग को राहगीर पक्षी माना जाता है सर्दियों में यहां पहुचंते है और खुले मैदानों में निवास करते है वही अनाज और बीज के तलाश में ये झुण्ड में उड़ते है इसे जिले में पहली बार शहर की विधि लुकड़ ने देखा था जिसे अमर मुलवानी और गोपीकृष्ण अपने कैमरे में कैद किया था। अमर मुलवानी और गोपीकृष्ण साहू ने बताया कि पक्षियों के लिए कोई सरहद व सीमा नही होती है ये वो प्रवासी पक्षी होते है जो अपने इलाके में जीवन जीने की कठिनाई को देखकर भोजन.पानी की तलाश में थोड़े समय के लिए दूसरी जगह कूच कर जाते है वे परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर अपनी पुरानी जगह लौट भी आते है। गौरतलब है कि जिले के कुछ खास इलाके इन प्रवासी मेहमानों से गुलजार हो जाते है प्रवासी पक्षियों का कलरव लोगों को लंबे अरसे से लुभाता रहा है लेकिन इन विदेशी मेहमानों के प्रति अब अतिथि देवो भव: की परंपरा नहीं निभाई जातीण्पक्षियों के आते ही शिकारियों का झुंड सक्रिय भी हो जाता है और मेहमानों को डाला जाने वाला दाना ही उनके लिए मौत का सबब बनता है।