जेनेवा। काफी बहस और आलोचनाओं के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने आखिर मान ही लिया कि चीन के वुहान वेट मार्केट ने कोरोना वायरस महामारी में अहम रोल अदा किया है। डब्लूएचओ ने माना है कि इस मार्केट में जिंदा जानवर बेचे जाते हैं और इसकी वजह से वायरस को पनपने के लिए सही माहौल मिल सका। लेकिन इसके साथ ही डब्लूएचओ ने यह भी कहा है कि इस दिशा में और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। इसके साथ ही संगठन ने यह भी कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि दुनिया में इस तररह की मार्केट्स को बंद किया जाए।

डब्लूएचओ की प्रेस ब्रीफिंग में फूड सेफ्टी एंड एनिमल डिजीज एक्सपर्ट पीटर बेन एमबार्क ने कहा कि बाजारों में बिकने वाले जिंदा जानवर पूरी दुनिया मे लाखों लोगों को आजीविका देते हैं। ऐसे में अथॉरिटीज को उन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ना कि उन्हें बंद कर देना चाहिए। इसके बावजूद ये बाजार कभी-कभी इंसानों में महामारी की वजह बन सकते हैं।

बेन एमबार्क ने कहा कि ऐसे माहौल में फूड सिक्योरिटी काफी मुश्किल होती है और ऐसे में किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए कि कभी-कभी इस तरह की घटनाएं बाजारों के अंदर ही हो रही होती हैं। बेन ने कहा है कि जानवरों से इंसानों में महामारी न पहुंचे यह तभी संभव है जब बेहतर साफ-सफाई और फूड सेफ्टी के मानकों का पालन किया जाए जिसमें जिंदा जानवरों को इंसानों से दूर रखना भी शामिल है। बेन ने यह भी कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वुहान, चीन में सामने आए दर्जनों केसेज की वजह थी या फिर इसका रोल वायरस फैलाने में बहुत कम था।

बेन ने बताया है कि चीन में इसे लेकर जांच जारी है जिसमें पता लगाया जा रहा है कि किस जानवर से कोविड-19 इंसानों में पहुंचा है। लेकिन कुछ और स्टडी में कई प्रकार के जानवरों को बीमारी के लिए संदिग्ध माना गया है जिसमें बिल्ली, बाघ और कुत्ते भी शामिल हैं। यह भी हकीकत है कि आज तक चीन ने डब्लूएचओ या फिर किसी और देश के एक्सपर्ट को जांच के लिए नहीं बुलाया है। बेन ने इस पर कहा है कि चीन के पास इस तरह का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त महारत है। डब्लूएचओ को इसमें कोई समस्या नजर नहीं आती है कि अगर चीन दूसरे लोगों के साथ संपर्क करना चाहे।

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