रायपुर:- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सप्रे स्कूल खेल मैदान व दानी स्कूल के मैदान के साथ छेड़ छाड़ के प्रयासों का कद विरोध करते हुए वहां जारी निर्माण कार्यों पर तत्काल रोक लगाने मांग की है । माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य धर्मराज महापात्र एवं जिला सचिव प्रदीप गभने ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि माधव राव सप्रे, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति सप्रे स्कूल मैदान केवल खेल का मैदान नहीं एक ऐतिहासिक धरोहर है, ठीक इसी तरह उसके ठीक पीछे का जे आर दानी कन्या विद्यालय, डिग्री गर्ल्स कॉलेज कन्या शिक्षा महाविद्यालय है, ठीक उसकी दूसरी ओर शहर का ऐतिहासिक विवेकानंद सरोवर है ।
विवेकानंद सरोवर का सौंदर्य करण के नाम पर भाजपा के पिछले शासन में वहां हमारी बच्चियों के आवागमन में सुरक्षा उपायों की अनदेखी कर चौपाटी की योजना बनाई गई थी जिसका जबर्दस्त नागरिक प्रतिरोध हुआ, माकपा भी इस प्रतिरोध का हिस्सा थी आखिरकार भाजपा की सरकार को इस प्रस्ताव को रोकना पड़ा । रायपुर में खेल के मैदान का संकट पहले से ही है, सप्रे मैदान को उस समय छोटा कर दिया गया, कर्मचारी भवन की भी बली चढ़ा दी गई , करोड़ों रुपए खर्च कर चंद साल पहले इसे विकसित किया गया है, उस विकसित मैदान जिसका खेल मैदान के साथ ही, शुद्ध हवा के लिए नागरिक उपयोग हो रहा है, फिर से उसे काटकर छोटा करने, दानी स्कूल के मैदान को विकसित करने की बजाय उसकी बाहरी दीवाल को छोटा कर उसके मैदान पर लगे पेड़ो को काटकर उस जमीन को हथियाने जोर शोर से करोना महामारी के दौरान पुलिसिया साए और रात के अंधेरे में निर्माण कार्य चलाया जा रहा है ।
क्या इस शहर को खुली हवा नसीब नहीं होने दिया जाएगा, क्या बच्चियों की सुरक्षा का कोई महत्व नहीं, क्या खेल प्रोत्साहन की बजाय उभरते खिलाड़ियों को भी गला घोंट उनसे मैदान छीन लिए जाएंगे ताकि अभिजात्य वर्ग को चौपाटी मिल जाय और अपने लोगो को उपकृत करने वहा दुकानें बनाकर पैसों का बंदरबाट हो जाय । ये सवाल पिछली सरकार के समय भी उठे थे और आज भी उठ रहे है ।
नागरिक समाज ने तब भी इसका विरोध किया था और आज भी कर रहे है । माकपा ने कहा कि निगम प्रशासन और छत्तीसगड़ की सरकार को इस जनविरोधी कदम को तत्काल रोकना चाहिए। ऐतिहासिक विवेकानंद सरोवर की रक्षा और उसकी सफाई का तो स्वागत है लेकिन उसकी आड़ में बाजारीकरण करने और मैदान व स्कूल खेल मैदान और हमारी बच्चियों की सुरक्षित आवाजाही और हरे भरे पेड़ो को उजड़कर धंधा चमकने की नीति कतई मंजूर नहीं की जा सकती । माकपा ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि फिर चाहे वे पार्षद हो, विधायक या फिर सांसद इस मामले में इनकी चुप्पी भी आश्चर्यजनक है । माकपा ने कहा कि निगम व राज्य सरकार को जनता की भावना के अनुरूप इस पर तत्काल रोक लगानी चाहिए वरना उसे उग्र जन आंदोलन का सामना करने तैयार रहना चाहिए । माकपा ने रायपुर के समस्त नागरिकों की इस लड़ाई में।व्यापक एकता कायम करने का आव्हान किया है ।