कभी-कभी गर्भस्थ शिशु और मां के स्वास्थ्य को देखते हुए गर्भावस्था में एक्सरसाइज करने के लिए सख्त मनाही की जाती है। प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज शुरू करने से पहले और इसमें कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि गर्भावस्था में कब और किस समय एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था में एक्सरसाइज करने के फायदे
प्रेग्नेंसी में व्यायाम करने से मां और बच्चे दोनों को कई तरह के फायदे मिलते हैं, जैसे कि :

  • *कमर दर्द, कब्ज, पेट फूलने और सूजन से राहत मिलना
  • *मूड और एनर्जी लेवल में सुधार आना
  • *अच्छी नींद आना
  • *अधिक वजन बढऩे से बचाव
  • *मांसपेशियां मजबूत होना

इसके अलावा प्रेग्नेंसी में रोज एक्सरसाइज करने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है और प्रसव के समय में भी कमी आ सकती है। एक्सरसाइज से सिजेरियन डिलीवरी के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

प्रेग्नेंसी में कब नहीं करनी चाहिए एक्सरसाइज

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियंस एंड गायनेकोलोजिस्ट का मानना है कि प्रेग्नेंसी में निम्न स्थितियों में एरोबिक एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।

  • *फेफड़ों एवं हार्ट से जुड़ी कुछ प्रकार की बीमारियां
  • *गर्भाशय ग्रीवा की अपर्याप्तता
  • *जुड़वा या दो से ज्यादा बच्चे होने पर नौ महीने से पहले डिलीवरी होने का जोखिम (प्रीटर्म लेबर)
  • *प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही और गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में लगातार ब्लीडिंग होना
  • *प्रेग्नेंसी के 26वे हफ्ते के बाद प्लेसेंटा प्रीविया
  • *प्रीक्लैंप्सिया या जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (प्रेग्नेंसी में हाई बीपी)
  • *गंभीर रूप से एनीमिया

एक्सरसाइज शुरू करने से पहले क्या करें

कुछ अन्य विशेष स्थितियों में आपको सावधानी के साथ एक्सरसाइज करने की जरूरत होती है। एनीमिया, दिल की धड़कन अनियमित होना, लंबे समय से ब्रोंकाइटिस, टाइप 1 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना, मोटापा या अंडरवेट होना, पहले गतिहीन जीवनशैली जीना, वर्तमान की प्रेग्नेंसी में इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन, हड्डियों या जोड़ों में चोट लगना, दौरे पडऩा, हाइपरथायराडिज्म का कंट्रोल न होना और पहले बहुत ज्यादा धूम्रपान करती हों तो प्रेगनेंट महिला को डॉक्टर की देखरेख में ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।

गर्भावस्था में एक्सरसाइज से नुकसान होने के संकेत

अगर डॉक्टर आपको एक्सरसाइज करने की अनुमति दे देते हैं और आपको गर्भावस्था के दौरान शारीरिक व्यायाम करने पर यहां बताए गए संकेत महसूस हो रहे हैं तो उन्हें नजरअंदाज बिल्कुल न करें।

इसमें भ्रूण की मूवमेंट में कमी आना, चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना, सिरदर्द, घबराहट, पिंडलियों में दर्द या सूजन, योनि से खून आना, सीने में दर्द, बार-बार पेट में दर्द या संकुचन होना, योनि से स्राव होना और सांस फूलना शामिल है।

यदि गर्भावस्था में व्यायाम करने पर ऐसा कुछ महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।

शारीरिक बदलावों से लडऩे में मदद

नियामित व्यायाम से आपको प्रेग्नेंसी में होने वाले शारीरिक बदलावों से लडऩे में मदद मिलती है। इससे आगे आने वाली प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताओं के लिए भी शरीर और दिमाग दोनों ही मजबूत होते हैं। अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपने अब तक एक्सरसाइज शुरू नहीं की है तो डॉक्टर की सलाह पर अभी इसे शुरू कर दें।

गर्भावस्था में एक्सरसाइज करना मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।

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