अपनी अपर बॉडी स्ट्रेंथ यानी कि शरीर के ऊपरी भाग को मजबूत करने के लिए आप कई तरह के योगासन को ट्राय कर सकते हैं। योग से आप अपनी आर्म्स को भारी किए बिना स्ट्रांग बना सकते हैं। योग की खास बात यह है कि यह आपके ही शरीर के भार का इस्तेमाल करके मसल्स बनता है और आपको फिट रखता है। इससे आप शरीर से मजबूत तो होते हैं, लेकिन मन और आत्मा को भी शांति मिलती है। इस पोस्ट में हम आपको ऐसे ही कुछ आसनों के बारे में बता रहे हैं जिनसे बाहें भारी होने की जगह टोन और स्ट्रांग होंगी। ध्यान रहे किसी भी किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले वार्म-अप जरूर कर लें। आप सूर्य नमस्कार से वार्म-अप कर सकते हैं।
वसिष्ठासन: यह आसन आपके पैर, हाथ और पेट की मसल्स को स्ट्रांग करता है। आपकी कलाई को स्ट्रेच करने के साथ उन्हें मजबूत भी बनाता है। इससे जांघों के पीछे का भाग भी स्ट्रेच होता है। इससे बॉडी बैलेंस में भी सुधार आता है।
कैसे करें वसिष्ठासन
– इस आसन की शुरुआत करने के लिए प्लैंक पोज या फलकासन में आ जाएं।
– धीरे-धीरे अपने दायीं साइड पर हाथ से लेकर पैर तक में अपना भार डालें।
– अपने बाएं हाथ और पैर को ऊपर की ओर कर लें। अब अपने बाएं पंजे को दाएं पंजे पर रखें। अपना बायां हाथ अपनी जांघों पर रख लें।
– अब अपने दाएं हाथ को कंधे से आगे रखें। ध्यान रहे कि आपकी हथेली का दबाव जमीन पर बन रहा हो और हाथ सीधा हो।
– सांस अंदर लें और और अपना बायां हाथ ऐसे रखें कि वो जमीन के एकदम सीध में खड़ा हो।
– इस पोज में कुछ सेकंड्स तक रहें और अपने उठे हुए हाथ की उंगलियों को आसमान की ओर रखें ओर उन्हें देखते रहें।
– सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे करें और फिर प्लैंक पोज में वापस आ जाएं। इस आसन को दूसरी साइड से भी कर लें।
चतुरंग दंडासन: यह आसन बाजुओं और कलाइयों को मजबूत करता है। कंधों और एब्स को मजबूत करता है और पेट टोन करता है।
चतुरंग दंडासन कैसे करें?
– चतुरंग दंडासन करने से पहले अधो मुख श्वानासन कर लें ताकि आपका शरीर इस आसन के लिए वार्म-अप हो जाएगा।
– अब मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
– अब अपने हाथों को छाती के पास ले जाकर कंधों से थोड़ा पहले जमीन पर रख लें।
– अपने हाथों पर वजन डालते हुए ऊपर उठें। पैरों को उंगलियों के बल टिका कर ऊपर आएं।
– आप ऐसी अवस्था में रहें जहां आपकी फोर-आर्म और अपर-आर्म के बीच 90 डिग्री का कोण बना कर रखें।
– इसमें पीठ सीधी होनी चाहिए। आपको इसमें अपनी एब्स पर शरीर का भार डालना है। सारा भार अपने कंधों और हाथों पर न डालें।
– सिर को शरीर की सीध में रखें और सामने देखें।
– इस आसन में 30 से 60 सेकंड्स तक रहें। कुछ समय बाद आप इसकी अवधि बढ़ाकर 90 सेकंड्स कर सकते है, लेकिन इससे ज्यादा अवधि के लिए इसे न करें।

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