लांग मार्च पर निकले किसानों ने फिर लाल रंग लहराया सड़कों पर
मुम्बई. देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव के लिए नए नए रास्ते ढूंढे जा रहे हैं आम जनमानस के विचारों को प्रभावित करने , तरह तरह के मुद्दे मुख्यधारा की मीडिया की मदद से बढ़ाये जा रहे हैं दूसरी ओर देश का अन्नदाता किसान अपनी उन्ही पुरानी बुनियादी (बेसिक) मांगो की याद दिलाने एक बार फिर नासिक से देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुम्बई ( बॉम्बे) की ओर बढ़ चला है.
सड़को पर लाल लाल लहराता यह अनुशासित हुजूम अपनी मांगों और देश की चिंता में सजग और सतर्क है ये किसी भुलावे या भटकाव में नही फंसने वाला है ये कहते हैं किसान सभा के नेता संजय पराते , उनका मानना है कि देश की सरहद पर तैनात हों या देश के भीतर कानून व्यवस्था सम्हालने वाले बलों में किसानों के परिवारों के ही बच्चे हैं , उन्हें सारी स्थितियां मालूम है और उनसे ज्यादा देशभक्त भी कोई और तबका नही हो सकता.
अभी जो किसानों के बुनियादी सवाल हैं उन पर जवाब दीजिये.