नईदिल्ली। कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीमकोर्ट में अपने 2 ट्वीट के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि वह उनका विचार था और वह उस पर कायम हैं। प्रशांत भूषण ने सुप्रीमकोर्ट से कहा कि अपने विचारों को व्यक्त करने पर सशर्त अथवा बिना किसी शर्त माफी मांगना ठीक नहीं होगा। निष्ठाहीन माफी मांगना मेरे अन्त:करण की और एक संस्था की अवमानना के समान होगा।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के दौरान कहा था कि अगर गलती का अहसास हो तो अदालत उनके प्रति काफी नरमी दिखा सकती है। कोर्ट ने उन्हें पुनर्विचार करने के लिये 2 दिन का समय दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अपमानजनक ट्विट के लिये क्षमा याचना से इनकार करने वाले उनके ‘विद्रोही बयानÓ पर दोबारा गौर करने के लिए प्रशांत भूषण को 2 दिन का समय दिया जाता है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि वह अपने वकीलों से परामर्श लेंगे और सुप्रीमकोर्ट की सलाह पर विचार करेंगे। मगर आज प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ भूषण के 2 ट्वीट को लेकर उन्हें 14 अगस्त को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था।