नवनीत चांद , मोर्चा नेता
  • दन्तेवाड़ा व सुकमा ज़िला 2011-12में निर्माण पोटाकेबिन व वाटरहेट टैंक भ्र्ष्टाचार पर 18 नोटिस के बाद भी कार्रवाही नही ।
  • बस्तर के समस्त जनप्रतिनिधियों से अपील बस्तर शिक्षा प्रणाली को भ्रष्टाचारियो का पनाहगाह न बनने दे -मुक्ति मोर्चा
  • पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर चल रही योजनाओं पर भ्र्ष्टाचार का दाग लगाने वाले दोषियों पर भूपेश सरकार कार्यवाही करने का जज्बा दिखाए-मुक्ति मोर्चा

बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद ने दन्तेवाड़ा व सुकमा जिला के राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा निर्माण कार्यो पर हुए भ्र्ष्टाचार की शिकायत पर दोषियों पर अब तक सरकार द्वारा कार्यवाही न किये जाने व दोषियों को संरक्षण देने की मंशा पर सवाल करते हुए ,बयान जारी करते हुए कहा कि ,बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा ,व सुकमा जिलों में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के नेतृत्व में संचालित 42पोटाकेबिनो में पेयजल व्यवस्था किये जाने के उद्देश्य से राज्य परियोजना कार्यलय के निर्देश पर सन 2011-12 में ओवर हेड वाटर टैंकों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदाय कर राशि जारी की गई थी, वही पोटाकेबिन आश्रम निर्माण हेतु करोडो की राशि जारी करते हुए मिशन द्वारा शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी (बी ओ)व खण्ड स्त्रोत समन्वयक (बी आर सी) को निर्माण एजेंशी बनाया था। उक्त निर्माण में निर्माण की गुणवत्ता व लागत से अधिक राशि आहरण करने की शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर दन्तेवाड़ा की जांच पर गीदम ब्लाक के घटना वर्ष पदस्थ बी ओ व बी आर सी पर गम्भीर वित्त अनिमिताओं पर प्रथम दृष्टि में दोषी पाते हुए आरोपित कर सम्बंधित एक ब्लाक के अधिकारी को निलंबित कर ,शिकायत के आधार पर अन्य जिलों में राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा अतिरिक्त 21 वाटर टैंकों के निर्माण की जांच करवाने का प्रतिवेदन कमिश्नर बस्तर को दिया था । भाजपा के शासन कॉल में पूर्व शिक्षा मंत्री के द्वारा सम्पूर्ण मामले की जांच की घोषणा करते हुए ,निलंबित अधिकारी को बहाल कर स्थान्तरित कर बस्तर जिले में बतौर, बी ओ पदस्थ कर दिया गया ,शिकायतकर्ता के द्वारा माननीय उच्च न्यायलय में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग रखी गई ,जिसे माननीय न्यायालय से स्वीकार करते हुए वर्ष 2017 में सरकार को आदेश देते हुए बस्तर कमिश्नर को जांच एजेंशी नियुक्त कर रिपोर्ट के आधार सरकार को कार्यवाही का निर्देश दिया गया ,वर्ष 2017 से यह जांच 90 दिनों के समय सीमा को तय कर प्रारम्भ की गई है। पर 18 नोटिश जारी होने के बाद भी कमिश्नर बस्तर द्वारा जिला स्तर जांच कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कमिश्नर कार्यलय में आज पर्यन्त तक प्रस्तुत नही की ,न ही दोषियों द्वारा कोई अपनी सफाई प्रस्तुत की है। यह पूरा मशला बस्तर प्रशासन व सरकार की कार्यशैली व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मंशा पर गम्भीर सवाल खड़ा कर रहा है। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद ने जारी बयान में आगे कहा है। कि मुक्ति मोर्चा उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों पर कार्यवाही की मांग व दस्तावेजों के आधार पर जांच के नए तथ्यों को उजागर करते हुए आगामी दिनों में माननीय उच्च न्यायलय के आदेश के पालन करवाने हेतु कमिश्नर बस्तर को ज्ञापन सौप जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करेगी साथ ही जांच रिपोर्ट में देरी पर भी सवाल खड़ा कर इस सम्बंध में भी एक नई जांच की मांग करते हुए बस्तर के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करेगी कि बस्तर की शिक्षा प्रणाली को भ्र्ष्टाचारियो का पनाहगाह न बनने दे,और स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर चल रही योजनाओं से खिलवाड़ न होने दे।

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