रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने खैरागढ़ में जल आवर्धन योजना के तहत बिना जांच के पाईप लाइन बिछाने व ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से कार्य किए जाने का मामला ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया।
डा. सिंह ने ध्यानाकर्षण में कहा कि-खैरागढ़ जल आवर्धन योजनांतर्गत शासन ने राशि रूपए 31 करोड़ 35 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की एवं निविदा के अनुसार मेसर्स मनीष पाईप लिमिटेड रायपुर को यह कार्य लगभग 40 प्रतिशत ऊंचे दर पर देने संबंधी कार्यादेश दिनांक 7 मार्च 2019 को जारी किया गया। उपरोक्त कार्य में गुणवत्ता का ध्यान न रखते हुए पाईप बिना जांच परीक्षण के बिछाया जा रहा है। इसमें मुरुम, रेत आदि का प्रयोग नहीं किया गया है, परंतु मुरुम रेत का भी भुगतान लगभग रूपए 11.67 लाख ठेकेदार को किया गया है। जनप्रतिनिधियों को डीपीआरएवं माप पुस्तिका की वास्तविक जानकारी नहीं होने के कारण ठेकेदार द्वारा मनमानी तरीके से लापरवाहीपूर्वक कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही रानी रश्मि देवी जलाशय से गंजीपारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट खैरागए़ को अंडर ग्राउंड पाईप लाइन द्वारा पानी उपलबध कराने हेतु तत्कालीन सरकार द्वारा राशि स्वीकृत की गई, परंतु उक्त कार्य के बदले वर्तमान में पानी टंकी से शहर में जल प्रदान हेतु विभिनन वार्डों में सड़क खोदकर पुन: पाईप लाईन बिछाई जा रही है जो पहले से ही बिछी हुई है जिससे क्षेत्र की जनता में रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।

इसके जवाब में भारसाधक सदस्य डा. शिव कुमार डहरिया ने अपने वक्तव्य में सदन को जानकारी देते हुए बताया कि-खैरागढ़ जल आवर्धन योजना के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा राशि रूपए 3314, ,90 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं मेसर्स मनीष पाईप प्रायवेट लिमिटेड रायपुर को यह कार्य 39.99 प्रतिशत अधिक एसओआर दर पर कार्यदेश दिनांक 7 मार्च 2019 को जारी किया गया था। परंतु यह सही नहीं है कि उक्त कार्य में गुणवत्ता का ध्यान न रखते हुए पाईप बिना जांच परीक्षण के बिछाया जा रहा है। बल्कि तथ्य यह है कि समस्त पाईप तृतीय पक्ष निरीक्षण (स्टैण्डर्ड ग्लोबल सर्विसेस) के पश्चात ही उपयोग में लाया जा रहा है एवं कार्य के गुणवत्ता की निगरानी परियोजना प्रबंधन सलाहकार द्वारा भी की जा रही है। यह कथन भी सही नहीं है कि बिना मुरूम, रेत आदि का प्रयोग किए रूपए 11.67 लाख ठेकेदार को भुगतान किया गया है अपितु तथ्य यह है कि ठेकेदार द्वारा 1883.68 घन मीटर मुरूम, रेत का उपयोग किया गया है, जिसके एवज में ठेकेदार को भुगतान किया गया है। योजना से संबंधित डीपीआर एवं सुसंगत ड्राईग डिजाईन का अवलोकन कार्यलय में किया जा सकता है। अत: यह कथन कि जनप्रतिनिधियों को डीपीआर एवं माप पुस्तिका की जानकारी नहीं होने से ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से लापरवाहीपूर्वक कार्य किया जा रहा है यही नहीं है। रानी रश्मि देवी जलाशय का पानी जल आवर्धन योजना हेतु नगर के वार्ड क्रमांक 03, गंजीपारा पर निर्मित एनीकट से पानी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित था। योजना के अनुसार ही शहर में पाईप लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। यह कथन भी पूर्णत: असत्य है कि पहले से बिछे हुए पाईप लाइन के स्थान पर नई पाईप लाइन डाला जा रहा है अपितु यह तथ्य यह है कि ठेकेदार द्वारा सर्वेक्षण के पश्चात बनाई गई योजना के अनुसार ही पाईप लाइन बिछाया जा रहा है। अत: खैरागढ़ जल आवर्धनन योजना का कार्य सुसंगत ड्राईंग डिजाइन एवं डीपीआर अनुसार किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की जनता में किसी भी प्रकार का असंतोष व्याप्त नहीं है।

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