नईदिल्ली। कोरोना महामारी और सोशल डिस्टेंसिंग ने एक झटके में ई-कॉमर्स (ऑनलाइन) कंपनियों को बड़ा बाजार दे दिया है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां अब बीमा बाजार में भी दस्तक दे रही हैं। फ्लिपकार्ट, अमेजन और पेटीएम ने बीमा पॉलिसी की बिक्री शुरू की है। डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे ने भी इस कारोबार में एंट्री मारी है। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों के आने से परंपारगत बीमा बाजार और बीमा एजेंटों को बड़ा नुकसान होना तय है।

ऐसा इसलिए कि डिजिटल बीमा खरीद को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं की जरूरत देखकर बीमा कंपनियों संग मिलकर सस्ते प्रीमियम भुगतान वाले उत्पाद पेश कर रही हैं। वह ग्राहकों को प्रीमियम भुगतान का आसान विकल्प भी मुहैया करा रही हैं। फ्लिपकार्ट ने एगॉन लाइफ इंश्योरेंस से मिलकर जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध करा रही है। कंपनी ने कोरोना संकट को देखते हुए पांच लाख कवर का हेल्थ इंश्योरेंस कवर पेश किया है। इसमें एक लाख कवर के लिए सालाना प्रीमियम 129 रुपये से शुरू होता है। कंपनी ने इसी तरह के कई और सस्ते बीमा उत्पाद पेश किए हैं। फ्लिपकार्ट ने समग्र वितरण लाइसेंस हासिल किया है। यानी वह तीन बीमा कंपनी से टाइअप कर सभी तरह की बीमा की बिक्री कर सकती है।

ई-कॉमर्स कंपनियां वाहन, चिकित्सा बीमा और जीवन बीमा सहित विभिन्न श्रेणी के बीमा उत्पादों की बिक्री एक ही जगह कर रही हैं। इसके अलावा ग्राहकों को दावा और पॉलिसी मैनेजमेंट सेवाएं भी आसानी से करवा रही हैं। इससे आने वाले दिनों में बीमा लेने वाले का रुझान डिजिटल बीमा खरीद पर तेजी से बढ़ सकता है। ई-कॉमर्स कंपनियों के इंश्योरेंस क्षेत्र में आने के बाद पॉलिसी बाजार, टर्टलमिंट जैसी कंपनियों को टक्कर मिलेगी जो इस क्षेत्र की अग्रणीय कंपनियों में से हैं।

देश में ई-कॉमर्स क्षेत्र की बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट और अमेजन आने वाले दिनों में बीमा के बड़े बाजार पर कब्जा करने के लिए बेहद ही प्रतिस्पर्धी कीमतों में नए बीमा पॉलिसी लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए इन कंपनियों ने अपनी सहयोगी बीमा कंपनी से बातचीत कर रही हैं। कंपनियों का कहना है कि नई पॉलिसी को खरीदना बेहद ही आसान होगा। इस पार्टनरशिप से ग्राहक बढऩे की उम्मीद है। साथ ही डीलरशिप कमीशन भी घटेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में डिजिटल बीमा बिक्री का कारोबार में तेज उछाल आ सकता है। ऐसा इसलिए कि बीमा कंपनियों को एजेंट के माध्यम से बीमा पॉलिसी की बिक्री करनी महंगी पड़ती है क्योंकि उसमें एजेंट का कमीशन और दूसरे खर्च शामिल होते हैं। वहीं, डिजिटल बीमा की बिक्री से ये सारे खर्च बच जाएंगे जिससे पॉलिसी का प्रीमियम कम हो जाएगा। इसका फायदा ई-कॉमर्स कंपनियां सीधे ग्राहकों को पहुंचा सकती है।

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