दिनभर काम के बोझ से थक कर हर कोई चाहता है कि उन्हें सुकून की नींद आए. अच्छी नींद के लिए लोग अपने बेड से समझौता नहीं करते हैं. गद्देदार बिस्तर भले लगता हो कि अच्छी और आरामदायक नींद दे सकता है लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से जमीन पर सोने को आदर्श माना गया है. रात को जल्दी सोने और अच्छी नींद के लिए यूं तो बेड, गद्दे आदि आरामदायक होने चाहिए, जिससे रात में सोने में किसी भी तरह की तकलीफ महसूस न हो. ज्यादातर लोग सोचते होंगे कि गुदगुदा बिस्तर या पतला गद्दा कौन-सा शरीर के लिए लाभदायक है. लेकिन बिस्तर के मामलों में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि बिस्तर पर सोने की बजाए जमीन पर सोना शुरू कर सकते हैं. जमीन पर सोने के शरीर को ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ हैं.

जमीन पर सोने के लिए पहले सही जानकारी होना जरूरी है खासकर तब जब इस आदत के लिए नए हों. बेहतर होगा कि जमीन पर एक पतली चटाई बिछाकर सोएं. पतला गद्दा या योग मैट जैसा हो जिस पर सोया जा सकता है. जमीन पर सो रहे हैं तो ध्यान रहे कि हमेशा अपनी पीठ के बल ही सोएं. बिना तकिया सोने की आदत डालने से पहले शुरुआत में एक तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक बार आदत पड़ जाए तो तकिये को हटा भी सकते हैं. जब भी सोएं तो बिना तकिये के सोएं. इससे सांस लेने में होने वाली दिक्कत कम हो सकती है. जमीन पर सोने से शरीर और हड्डियों का अलाइनमेंट सही रहता है. नरम गद्दों पर सोने से अक्सर शरीर के कुछ खास अंगों पर वजन पडऩे लगता है, इससे जब अंग दबते हैं तो दर्द बढ़ जाता है. लंबे समय तक ऐसा होने से अक्सर शरीर के पॉश्चर में बदलाव देखा जा सकता है. जमीन पर सोने से यह परेशानी कम होती है.

जमीन पर सोने के फायदों में सबसे पहले आता है यह रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखता है. रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है और इसका संपर्क सीधा मस्तिष्क से होता है. जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी की अकडऩे की आशंका कम होती है. जमीन पर सोने की आदत से कंधों और कूल्हों की मांसपेशियों के बिगडऩे से राहत मिलती है. दर्द ऊपरी पीठ, निचली पीठ, कंधा, बांह की कलाई, गर्दन, सिर आदि में होता है और मांसपेशियों के बिगडऩे से यह बढ़ जाता है. पीठ में दर्द हो तो जमीन पर सोना बेहद फायदेमंद है. वास्तव में यह पीठ दर्द का प्रभावी इलाज है.

जमीन पर सोने से शरीर का तापमान कम रहता है. जब गद्दे पर सोते हैं तो शरीर की गर्मी काफी बढ़ जाती है और इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है. चटाई या दरी पर सोने से यह समस्या दूर होगी. जमीन पर सोने से ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ जाता है और इससे मांसपेशियों को भी आराम मिलता है. इससे मस्तिष्क भी शांत रहता है. तनाव भी कम होता है. यह ध्यान रहे कि शुरुआत में भले ही जमीन पर सोना मुश्किल लगे लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाएगी. अगर कोई किसी स्वास्थ्य स्थिति से पीडि़त है तो उनके लिए जमीन पर सोना सही नहीं हो सकता है.
कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए हुए लॉकडाउन की वजह से कई लोग घर बैठे ऑफिस का काम कर रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम के मामले में लगातार एक जैसी सीटिंग के साथ काम करने से पीठ दर्द की समस्या होना स्वाभाविक है. एक ही पोश्चर में लंबे समय तक बैठकर काम करने का यह नतीजा है.

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