रायपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संकल्प आदिले की फर्म के खिलाफ विभाग ने जो जांच कमेटी बनाई है वह इसकी निष्पक्ष जांच करेगी इसमें संदेह है? क्योंकि इस मामले में जांच के लिये जो समिति बनाई गई उसमें वे ही दो डाक्टर शामिल हैं जिनको डॉ आदिले के द्वारा नियुक्ति दी गई है।
हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने इस मामले में जांच की निष्पक्षता पर प्रश्र चिन्ह लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री को समिति के सदस्यों को बदले जाने का अनुरोध किया हे ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। डॉ राकेश गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार से ज्ञात हुआ है कि संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ एसएल आदिले के बेटे संकल्प आदिले की फर्म से लाखों की खरीदी शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ जिसकी जांच कराने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है । संबंधित 6 प्रकरणों का उल्लेख भी पत्र में किया गया है पत्र में शिकायत की जांच हेतु जो तीन सदस्यीय समिति का गठित की गई है जिनमें से दो सदस्य संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ एसएल आदिले (वर्तमान में अनुपस्थित ) में पद पर बने हुए हैं, के मातहत डॉक्टर बसंत महेश्वरी, संयुक्त संचालक और रचना आजगले उप संचालक संचालक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय में ही पदस्थ है। ऐसी परिस्थिति में उनके मातहत संयुक्त संचालक और उपसंचालक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच अपने उच्च अधिकारी के खिलाफ कैसे कर पाएंगे? इस पर विश्वसनीयता का बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है।
डॉ गुप्ता ने डॉक्टर एसएल आदिले के खिलाफ जांच समिति में उनके उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को जांच समिति में रखा जाए और वर्तमान में पदस्थ वित्तीय अधिकार प्राप्त डॉ निर्मल वर्मा जो डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और संचालक चिकित्सा शिक्षा के पूर्ण वित्तीय अधिकार प्राप्त अधिकारी है और यही वे अधिकारी है जो खरीदी के घोटाले में शामिल हैं।

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