तबादले के प्रकरण में पति पत्नी को अलग स्थानों पर रखने के आरोप,

बिलासपुर। ढाई साल के छोटे बच्चे होने के चलते पति पत्नि के एक ही जिले में पदस्थापित करने के आवेदन को मंजूर करते हुए रक्षित निरीक्षक की पदस्थापना भी पत्नी के पदस्थापना वाले जगह में किए जाने के कुछ माह में ही फिर से रक्षित निरीक्षक पति को अन्यत्र स्थानांतरण के चलते रक्षित निरीक्षक द्वारा स्थानांतरण आदेश से क्षुब्ध होकर आवेदक विक्रम बघेल द्वारा अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गयी। जिसे उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी पर उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई लाकडाउन समाप्त होने पर की जाएगी।

ज्ञातव्य है कि शुभम् विहार बिलासपुर निवासी विक्रम बघेल जिला कोरिया में पुलिस विभाग में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे। विक्रम बघेल की पत्नी जिला कवर्धा में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ है। चुंकि उनका ढाई वर्ष का एक छोटा पुत्र है जिसकी देखभाल उचित तरीके से ना हो पाने के कारण पूर्व में विक्रम बघेल द्वारा डीजीपी रायपुर के समक्ष आवेदन पेश कर उसका जिला कवर्धा में स्थानांतरण किये जाने की मांग की गई थी। उक्त मांग को स्वीकार कर डीजीपी रायपुर द्वारा सितम्बर 2019 में विक्रम बघेल का स्थानांतरण जिला कवर्धा कर दिया गया परन्तु इसी दौरान माह जुलाई 2020 में डीजीपी रायपुर द्वारा उक्त स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर विक्रम बघेल का स्थानांतरण जिला-गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही कर दिया गया उक्त स्थानांतरण आदेश से क्षुब्ध होकर विक्रम बघेल द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता
अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गयी। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा दिनांक 27 जून 2019 को जारी स्थानांतरण नीति के पैरा नं. 2.11 के तहत् यदि कोई पति एवं पत्नी दोनों छत्तीसगढ़ शासन के अधीन किसी विभाग में शासकीय सेवा में कार्यरत हैं तो उनके अनुरोध पर सद्भावनापूर्वक विचार करते हुए प्रशासनिक सुविधा एवं जनहित के आधार पर उनका एक ही जिले में एक ही स्थान पर पदस्थापना का प्रयास किया जायेगा और जब तक
कोई ठोस कारण ना हो उनका आवेदन खारिज नहीं किया जायेगा । इसके साथ ही सचिव, छ.ग. शासन, गृह विभाग, रायपुर द्वारा जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया कि जिला-गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही में रक्षित निरीक्षक का कोई पद स्वीकृत ही नहीं है। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात रिट याचिका को स्वीकार कर पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी को यह निर्देशित किया गया था कि वे छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्मित स्थानांतरण नीति के पैरा 2.11 के तहत नियमानुसार 45 दिवस के भीतर आवेदक के अभ्यावेदन का नियमानुसारनिराकरण करें।

45 दिवस की समयावधि बीत जाने के पश्चात एवं याचिकाकर्ता विक्रम बघेल द्वारा लगातार पुलिस मुख्यालय का चक्कर लगाने के बावजूद पति-पत्नि का एक ही स्थान पर स्थानांतरण न किये जाने से क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता विक्रम बघेल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी के विरूद्ध अवमानना याचिका दायर की गई उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई लाकडाउन समाप्त होने पर उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी। कोविद 19 के दौर में कोरोना वारियर कहे जाने वाले पुलिस की ये हालत है।

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