छत्तीसगढ़ किसान सभा ने प्रदेश के कृषि बाजार को नकली कीटनाशकों से पाटे जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित फर्मों व विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए पीड़ित किसानों के फसल नुकसान की पूरी भरपाई करने की मांग की है।

 

रायपुर, आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि प्रदेश के कृषि बाजार को सुनियोजित तरीके से नकली कीटनाशकों से पाट दिया गया है और किसान इसका शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्ग में दुर्गेश निषाद द्वारा इन नकली कीटनाशकों के कारण फसल जल जाने के कारण आत्महत्या कर लेने के बाद अब बेमेतरा जिले में एक और प्रकरण सामने आया है, जिसमें विकासखंड नवागढ़ के ग्राम खैरझिठी के प्रताप भानु वर्मा नामक किसान द्वारा ‘तेजाब’ नामक कीटनाशक का प्रयोग करने के बाद उसके 7 एकड़ खेत में खड़ी 5 लाख रुपये मूल्य की फसल जल कर नष्ट हो गई है। उन्होंने बताया कि इस कीटनाशक के डिब्बे में जिस फर्म का नाम व नंबर लिखा हुआ है, वह गलत पाया गया है। यह मामला सामने आने के बाद शारदा कृषि केंद्र, ग्राम तुलसी, दामाखेड़ा का विक्रेता दुकानदार परदेशी राम देवांगन इस मामले को दबाने की कोशिश में कीटनाशक के खाली डिब्बों को पीड़ित किसान के घर से उठाकर ले गया है। इस पूरे मामले की रिपोर्ट कलेक्टर से करने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

किसान सभा नेताओं ने कहा है कि इन दोनों ही उजागर मामलों में अभी तक न तो पीड़ित किसानों को फसल क्षति का कोई मुआवजा दिया गया है और न ही जिम्मेदार फर्मों और विक्रेताओं के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही की गई है। इससे साफ है कि किसानों से धोखाधड़ी करने वाली इन कंपनियों को राज्य सरकार और उसके कृषि विभाग का संरक्षण प्राप्त है और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी खुल्लमखुल्ला मिलीभगत है। किसान सभा ने मांग की है कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए और अभियान चलाकर कृषि बाजार को नकली कीटनाशकों से मुक्त किया जाये। किसान सभा नेताओं ने कहा है कि इन कथित कीटनाशक कंपनियों और उनके विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दोषियों को उल्लेखनीय सजा दी जानी चाहिए।

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