4 महीने की समय सीमा में महालेखाकार और विभाग पेंशन खाते की शिकायतों का समाधान करें- हाईकोर्ट

भविष्य निधि खाता दुरुस्त कर सेवानिवृत्त कर्मचारी को तुरंत भुगतान करने हाईकोर्ट का आदेश

बिलासपुर, हाईकोर्ट बिलासपुर के एक फैसले में सेवा निवृत्त कर्मचारी को राहत प्रदान करते हुए जांच पूरी करके 4 महीने के भीतर पूर्ण भुगतान करने का आदेश जारी किया गया है। कोर्ट ने इस संबंध में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने भी आदेशित किया है।

पेंड्रा रोड निवासी अरविंद विलियम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हैंडपंप मेकैनिक के पद से 2018 में सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के समय विलियम के जी पी एफ पास बुक के अनुसार साढ़े तीन लाख की राशि भविष्य निधि खाते में जमा थी लेकिन महालेखाकार के द्वारा केवल छः हज़ार की राशि खाते में जमा होना बताया गया। महालेखाकार की कम्प्यूटर शीट में भी विसंगति थी जिसमे ऐसी राशि भी आहरण के रूप में दर्ज थी जो कभी निकाली ही नहीं गई थी। विलियम द्वारा अनेक बार मांग करने पर भी उसे संबंधित अभिलेख विभाग द्वारा नही दिये गए और खाता भी दुरुस्त नहीं किया गया। जिससे व्यथित होकर विलियम ने अधिवक्ता विकास दुबे के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बैंच में हुई जिसमें उच्च न्यायालय ने महालेखाकार एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को तत्काल भविष्य निधि खाता मिलान कर दुरुस्त करने और नियमानुसार देय राशि का भुगतान तत्काल याचिकाकर्ता को करने का आदेश दिया है। चूंकि याचिकाकर्ता का कहना है कि जो राशि भविष्य निधि से आहरित नही किया है वह खाते से आहरित दिख रहा है जिससे खाते में धोखाधड़ी भी सम्भव है अतः मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि यदि यह पाया जाता है कि याचिकाकर्ता के भविष्य निधि खाते के आहरण में कोई धोखाधड़ी हुई है तो इस पर जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे। उच्च न्यायालय ने यह सभी कार्यवाही चार माह के भीतर पूरा करने का निर्देश महालेखाकार और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिया है।

 

 

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