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कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूजएजेंसी इम्पलाइज आर्गनाइजेशन

18 जुलाई 2023

वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की बहाली और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर केंद्र सरकार को दिया जाएगा ज्ञापन

नई दिल्ली। अखबारों, संवाद समितियों और टीवी चैनलों में कर्मचारियों को अवैध तरीके से निकाले जाने के विरोध में 9 अगस्त 2023 को संसद भवन पर कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूजएजेंसीस इम्पलाइज आर्गनाइजेशन की तरफ से विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। प्रदर्शन में देशभर से मीडियाकर्मी हिस्सा लेंगे।

कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी और महासचिव एम एस यादव ने बताया कि देशभर में अखबारों और टीवी चैनलों से पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निकाला जा रहा है। इससे पहले कोरोना काल में महामारी के बहाने लाखों कर्मचारियों को मीडिया प्रतिष्ठानों से बिना मुआवजा निकाला गया था। उन्होंने बताया कि कन्फेडरेशन की तरफ से वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की बहाली और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को बड़े पैमाने पर उठाया जाएगा। इसके साथ ही मीडियाकर्मियों की अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।

कन्फेडरेशन से संबद्ध  इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी , महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू , छत्तीसगढ़ चेप्टर अध्यक्ष पीसी रथ( स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन), नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया के महासचिव प्रदीप तिवारी, इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, महासचिव बलबिन्दर जम्मू, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के महासचिव परमानंद पांडे, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष भुवन चौबे, यूएनआई वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव एम एम जोशी, ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स इम्पलाइज फेडरेशन सचिव सी के नायडू, द ट्रिब्यून इम्पलाइज यूनियन चंडीगढ़ के अध्यक्ष अनिल गुप्ता और नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स इम्पलाइज के अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदर्शन में हजारों पत्रकार देश के विभिन्न हिस्सों से शामिल होने के लिए दिल्ली कूच करेंगे।

कन्फेडरेशन के अध्यक्ष रास बिहारी, महासचिव एम एस यादव, उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष एम एल जोशी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण अखबारों, संवाद समितियों और चैनलों के समक्ष आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में अखबार बंद हो रहे हैं। संवाद समितियों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान दिलाया जाएगा। कन्फेडरेशन के पदाधिकारियों और संबद्ध संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा है कि संसद पर प्रदर्शन से पहले पूरे देश में जगह-जगह सम्मेलन और बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष पी सी रथ ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में भी कोरोना के बहाने बहुत से पत्रकारों कर्मचारियों की छटनी की गई, वेतन कटौती करके भुगतान किया गया जिसे बाद में कर्मचारियों को कई कंपनियों ने पुनर्भुगतान भी नही किया। संवैधानिक वेज बोर्ड का वेतन भी राज्य में मीडिया कर्मियों को नही किया जा रहा है। इन सारे मसलों पर यूनियनें मीडिया कर्मियों को एकजुट करके उनकी बात सरकार तक पहुँचाने और कानूनी लड़ाई लड़ने की कोशिशें करती रही है। अब सड़क पर उतर कर दिल्ली में दबाव बनाने का फैसला 28 मई की  पिछली बैठक में लिया गया है।

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