रायपुर। मणिपुर में हो रही क्रूर हिंसा, महिलाओं के प्रति अत्याचार को रोकने, मणिपुर में शांति बहाली की मांग तथा मणिपुर की बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर 25 जुलाई की शाम रायपुर शहर के प्रमुख सामाजिक संगठनों, ट्रेड यूनियन, किसान संगठन, शिक्षक संगठन, छात्रों संगठन, युवाओं, महिला संगठनों और आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया।

सीटू राज्य सचिव एवं ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र ने कहा कि, आज शहर के प्रमुख शांतिकामी और प्रगतिशील, जनवादी संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष एकत्रित हुए और मणिपुर में कई महीने से जारी वीभत्स हिंसात्मक घटनाओं के खिलाफ तथा इन्हें रोक पाने में अक्षम केंद्र सरकार की आपराधिक खामोशी का तीव्र विरोध करते हुए मणिपुर की जनता के साथ एकजुटता के लिए मानव श्रृंखला बनाई और जोशीले नारों के साथ जमकर प्रदर्शन किया।

मानव श्रृंखला में सीटू, किसानसभा, आदिवासी एकता महासभा, बीमा कर्मियों, इप्टा , एसएफआई, जनवादी नवजवान सभा, शिक्षक संघ, स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन( इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन), जनम, आदिवासी एकता महासभा, प्रतिशील उरांव आदिवासी संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

मानव श्रृंखला के पश्चात सभा आयोजित की गई जिसे सीटू राज्य महासचिव एम के नंदी, सी जेड आई इ ए महासचिव धर्मराज महापात्र, आईपीटीए के अरुण काठोटे, राजेश अवस्थी, आदिवासी एकता महासभा के अलेकजेंडर तिर्की, कांता केरकेट्टा, गुरविंदर सिंह चड्डा, मनीष टोप्पो ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बरता के वायरल वीडियो पर गुस्से का इजहार करते हुए एक स्वर से केंद्र सरकार को मणिपुर में जातीय हिंसा को बढ़ावा देने का जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री की इस मामले में 79 दिनों तक चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए लेकिन बजाय इसके वे इस पर बयान देने तक को तैयार नहीं हैं।

वहां हिंसा की पराकाष्ठा और महिलाओं के साथ वीभत्स अपराधों के लिए भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया । वक्ताओं ने कहा कि, गृह मंत्री के दौरे के बाद भी स्थिति और बिगड़ी। राज्य में भाजपा याने डबल इंजन की सरकार के बाद भी वहां मुख्यमंत्री को हटाया नहीं गया। यह घटना भाजपा के आदिवासी विरोधी चेहरे के साथ ही उसके घृणा और नफरत की राजनीति की देन है। वक्ताओं ने एक स्वर से भाजपा के एक पूर्व विधायक के बयान कि, “मणिपुर के बाद अगला नंबर छत्तीसगढ़ का है ।” की भी कड़ी निन्दा की। साथ ही कहा की पूर्व विधायक के बयान से साफ है कि संघ और भाजपा ही मणिपुर में हिंसा प्रायोजित कर रही है ।

सभी वक्ताओं ने मणिपुर की बिरेन सिंह सरकार को तुरंत बर्खास्त करने की मांग करते हुए मणिपुर में तत्काल शांति बहाल किए जाने, जिनके जान माल का नुकसान हुआ उन्हें पर्याप्त सहायता देने, राहत शिविर में रह रहे लोगों की सुरक्षित घर और गांव वापसी के लिए कदम उठाने तथा हिंसा के दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की।

 प्रदर्शन, मानव श्रृंखला और सभा में प्रमुख रूप से अजय कन्नोजे , सुरेंद्र शर्मा, के के साहू, संदीप सोनी, गजेंद्र पटेल, राजकुमार सोनी, पी सी रथ, वीरेंद्र शर्मा, सुधीर तम्बोली आज़ाद, कांता केरकेट्टा, आनंद प्रकाश टोप्पो, बसंत तिर्की, सिल्वेस्टर इक्का, राजेश पराते , विभाष पैतुंडी, मारुति डोंगरे, पंचू निषाद, अर्चना एडगर, साजिद रजा सहित सैकड़ों लोग शामिल थे ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here