भैसों की बहन
ये अर्थ है बर्रे लक्का का
ये शिक्षित बेरोजगार लड़की नोकरी नही मिलने से भैसों को पाल कर परिवार का गुजारा कर रही है। अब विधानसभा चुनाव लड़ रही है, उसे सभी वर्गों से भरपूर मदद मिल रही है।
हैदराबाद तेलंगाना से सीधे पी सी रथ की रिपोर्ट

27 नवंबर 2023, हैदराबाद में प्रदेश भर के विधानसभाओं के भावी उम्मीदवारों के हार जीत के हालात पर चर्चा चल रही है अचानक बर्रे अक्का के बारे में एक सवाल आता है और मैं अनभिज्ञता जाहिर करता हूँ। ये रोचक कहानी सामने आती है जो सोशल मीडिया के इस ताकतवर दौर की एक तस्वीर सामने रखती है।

कोल्हापुर विधानसभा जिला महबूबनगर की सिरिशा एक प्रतीक बन गयी है, सत्ता के विरोध का
तेलंगाना चुनावों में बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व कर रही प्रतीत होती है जिसके तीखे सवालों का जवाब किसी भी सत्तारूढ़ राजनेता के पास नही है।

सिरिशा उर्फ बर्रे अक्का की कहानी जिसने महबूबनगर जिले के कोल्हापुर विधानसभा सीट से चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी की है। भैसों की बहन के नाम से चर्चित इस युवती ने कोल्हापुर विधान सभा में बीआरएस , कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की नींद हराम करके रख दी है। बताया जाता है कि इतनी गरीब होने कि उसके पास अपनी उम्मीदवारी भरने के लिये जरूरी राशि भी नही होने के कारण उसे ब्याज पर रुपया ऋण ले कर चुनाव में दावेदारी करना पड़ा। बस इन बातों का सोशल मीडिया में फैलाव होते ही युवा समर्थकों का जमावड़ा कोल्हापुर में होने लगा और सिरिशा के बचत खाते में समर्थकों द्वारा लगातार धनराशि के जमा होने के कारण बैंक द्वारा उसके खाते को सीज कर दिया गया।
ऐसी स्थिति में भी समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नही आई और उन्होंने नकद राशि, प्रचार हेतु गाड़ियों की व्यवस्था कर दी। अपने खर्चे से युवाओं का दल का दल वहां पहुँचने लगा और पारंपरिक राजनीतिक दलों से उकताए हुए, बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं का भरपूर समर्थन उसे मिलने लगा। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स प्लेटफार्म पर भारी एकजुटता का परिचय दिया जाने लगा। किसी आई टी इंजीनियर ने महंगी कार प्रचार के लिये दे दिया।
आज ‘बर्रे अक्का ‘ वहां लोकल, रीजनल, नेशनल मीडिया के लिये भी चर्चित चेहरा बनी हुई है। तेलंगाना मूवीज़ आर्टिस्ट एसोसियेशन ने भी इस निर्दलीय उम्मीदवार सिरिशा का समर्थन करने का फैसला किया है।
अब देखना होगा कि 30 नवंबर को होने वाले मतदान में कोल्हापुर की जनता किसे चुनती है। सरकार किसी की भी बने उसे युवाओं के रोजगार के लिये उठाई गई इस आवाज़ का ध्यान रखना ही होगा।

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