जेनेवा. में जारी रिपोर्ट्स में बताया इस साल जनवरी से जून के बीच 20 देशों में 38 पत्रकारों की हत्याएं हुईं. सबसे ज्यादा लैटिन अमेरिका में 15 पत्रकार मारे गए. जेनेवा स्थित प्रेस एमब्लेम कैम्पेन (पीईसी) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह खुलासा हुआ.

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले इस बार वारदातों में 42% की कमी आई. सिर्फ मैक्सिको और अफगानिस्तान में सर्वाधिक 14 पत्रकारों की हत्या हुई. पीईसी के महासचिव ब्लेस लेम्पेन ने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वतंत्र संस्था की स्थापना करनी चाहिए ताकि वह इस समस्या से लड़ सके.विभिन्न देशों के संस्थान पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त और सक्षम नहीं हैं. पीईसी ने कहा कि लैटिन अमेरिका सर्वाधिक प्रभावित महाद्वीप है. यहां सबसे ज्यादा 15 पत्रकारों की हत्या हुई. सीरिया और इराक में संघर्ष की घटना में कमी आने पर मध्य-पूर्व (मिडिल ईस्ट) देशों में सुधार दर्ज किया गया है. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कार्य करती है पीईसी
पीईसी ने विश्व की सभी सरकारों, संघों और सिविल सोसाइटियों से पत्रकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर लगातार काम करने का अनुरोध किया. 2004 में स्थापित पीईसी संयुक्त राष्ट्र की एक गैर-सरकारी विशेष परामर्शदात्री संस्था है. इसका लक्ष्य खतरनाक क्षेत्रों में काम कर रहे पत्रकारों की सुरक्षा और कानूनी संरक्षण को मजबूत करना है.

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