सुदूर के ग्राम बेचा कड़ेनार से आये ग्रामीणों को जि पं अध्यक्ष एंव कलेक्टर ने राशि को बैंक मे जमा करने की दी सलाह

कोण्डागांव, 24 जुलाई 2019(इंडिया न्यूज रूम)  आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता खुलवाने के लिए जिला मुख्यालय लाये गये सुदूर गांव बेचा, कड़ेनार, भुरगूम, के 44 परिवारों को आज जिला पंचायत अध्यक्ष एंव जिला कलेक्टर की उपस्थिति मे आदिवासी विभाग द्वारा दो-दो हजार की राशि प्रदाय की गई. उल्लेखनीय है कि मर्दापाल क्षेत्र के घोर पहाड़ी इलाकों में बसे इन ग्रामीण परिवारों के जिनमें छोटे बच्चे, किशोर एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं को विगत 21 जुलाई को जिला मुख्यालय लाया गया था. जहां इनके आधार कार्ड वितरण, एंव बैंक खाता खुलवाये जा रहे हैं. इनमें से कई परिवारों  के पास तो वोटर आईडी कार्ड भी उपलब्ध नहीं है चूंकि उपरोक्त ग्रामों की बसाहट ऐेसे दुर्गम इलाकों में  है जहां एक बड़े समुदाय के लिए उक्त दस्तावेज प्रदाय करने के लिए प्रशासनिक शिविर लगाये जाने मे व्यवहारिक दिक्कतें आ रही थी और जाहिर है इन दस्तावेजों के न बनने से इन्हे भविष्य मे किसी भी शासकीय योजनाओं से लाभान्वित नही किया जा सकता.

ग्रामीण किशोरों और महिलाओं के बनाये जा रहे हैं आधार, राशन कार्ड एवं जाति प्रमाण पत्र

इन्ही सब महत्वपूर्ण पहलुआं को देखते हुए जिला कलेक्टर ने ’’नावा बेस्ट नार’’ की टीम के माध्यम से उपरोक्त सभी ग्रामों के परिवारों को जिला मुख्यालय लाने के निर्देश दिये और इन सभी परिवारों को स्थानीय टाउन हाल मे ठहराया गया है और आने वाले दिनांे मंे इन सभी परिवार के सदस्यों के जरूरी दस्तावेज बनाये जाएंगें. इस मौके पर जिला पंचायत ने ग्रामीणां को आदिवासी विभाग तत्वाधान मे दो-दो हजार रूपये की सहायता राशि प्रदाय करते हुए कहा कि शासकीय योजनाओं के लाभ के लिए इन दस्तावजों का बनना जरूरी है ताकि उन्हे सीधे तौर पर फायदा हो इसके अलावा इन क्षेत्रों में रोड, पुल, पुलिया निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि उनका मुख्यालय से कनेक्टिविटी बढ़ सके, परन्तु इन सब विकास कार्यों में ग्रामीणों की खुलकर भागीदारी होनी चाहिए और इसके साथ ग्रामीण अपने बच्चां को आंगनबाड़ी एवं शाला नियमित रूप से भेजं क्यांकि शिक्षा के माध्यम से ही ऐसे गावों के पिछड़ेपन को दूर किया जा सकता है. इन्हें असामाजिक तत्वांे के बहकावे नही आना चाहिए. जिला कलेक्टर इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा करते उन्हे दी गई सहायता राशि को बैंक खाता मे जमा करने का आग्रह किया ताकि उनके बुरे वक्त मे काम आ सके. इस प्रकार ग्रामीण जनता की समस्याओं को हल करने मे जिला प्रशासन द्वारा चलाये गये ’’नावा बेस्ट नार’’ (मेरा सुन्दर गांव) अभियान एक मददगार साबित हुआ और इसमें मैदानी कर्मचारियों के अलावा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, आगंनबाड़ी कार्यकर्ता सहित विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे.

 

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