बिहार के मोतीहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ कहा कि शुक्रवार की सुबह केवल कुलपति की आलोचना के कारण करीब 20-25 लोगों द्वारा क्रूरता से हमला किया गया था । ये हमला विश्वविद्यालयों में विरोध के स्वरों को दबाने की एक और कोशिश है ,

 रायपुर . बिहार के मोतीहारी में महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ ने कहा कि शुक्रवार की सुबह कुलपति की आलोचना करने के कारण करीब 20-25 लोगों द्वारा क्रूरता से हमला किया गया.
कुमार को मोतीहारी के ज़िला अस्पताल से पटना में स्थानांतरित कर दिया गया  है.यद्यपि कुमार ने राज्य पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है  , लेकिन उनकी स्थिति बहुत ही गंभीर बनी हुई है.बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के मोतीहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय कुमार पर शुक्रवार को कुछ लोगो ने लाठी डंडे के साथ उनके घर में घुसकर हमला किया. उन्हें घर में से बाहर खींचकर निकाला गया और उनकी बड़ी ही बेरहमी से नंगा करके पिटाई की गई . यहाँ तक कि उनको जान  से मरने के लिए गुप्तांगो पर डंडे और ईटो से हमला किया गया इसके बाद उनके ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगाने का भी प्रयास किया गया.

संजय कुमार समाजशास्त्र के सहायक प्रोफेसर हैं और कुमार दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं। वह उस शिक्षकों के समूह का हिस्सा हैं, जो पिछले कुछ महीनों से उप-कुलपति अरविंद कुमार अग्रवाल के मनमाने फैसलों का विरोध कर रहे थे.उनपर यह हमला भारतीय विश्वविद्यालयों में विरोध के स्वरों को दबाने की एक और कोशिश है.

दरअसल यह मामला कई माह पहले से चल रहा था . देश के सबसे नए केंद्रीय विश्वविद्यालय महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय में अध्यापकों और छात्रों ने कुलपति के ज़ुल्मों से परेशान होकर वहाँ के शिक्षकों और छात्र समुदाय का विरोध करने का निर्णय लिया । वहाँ के छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया और कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण की नीति लागू नहीं की जाती है , अध्यापकों को लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जाती है, छात्रों की फीस में अत्याधिक वृद्धि की जाती है, उनसे लाइब्रेरी में काम करवाया जाता है और पैसा नहीं दिया जाते हैं।  साथ हीअध्यापकों की नियुक्ति में भाई-भतीजावाद किया गया है और किताबों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया गया है.

महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय के छात्र ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि हमलावर बार-बार यह चिल्ला रहे थे कि वह सोशल मीडिया पर राष्ट्र-विरोधी वक्तव्य पोस्ट करने की वजह से कुमार को मार रहे हैं.परन्तु सत्य यह है कि उन्हें उपकुलपति के खिलाफ आवज़ बुलंद करने के लिए दंडित किया जा रहा था. उन्होंने आगे कहा कि प्रो संजय विश्वविद्यालय  में चल रहे आन्दोलन में शामिल थे और वह उपकुलपति के आँखों में खटक रहे थे, इसलिए उन पर ये हमला हुआ.शिक्षकों का एक समूह तीन प्राथमिक मुद्दों पर 29 मई से विश्वविद्यालय में एक धरना पर बैठा है.

शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष भानु ने बतया कि “हम मांग कर रहे थे कि वीसी को विश्वविद्यालय में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण नीति लागू करनी चाहिए. यहां आरक्षण नीति का उल्लंघन किया जा रहा है. दूसरा, किसी भी लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने के लिए, वीसी ने कुछ शिक्षकों पर  यौन उत्पीड़न के फ़र्ज़ी मामले थोपने का भी प्रयास किया था .उन्होंने कहा कि उनके पास इन मामलों को फ़र्ज़ी साबित करने के लिए सबूत भी मौजूद हैं.एक ओडियो टेप वायरल हुआ था जिसमें उपकुलपति एक छात्रा से एक सहायक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का झूठा मुकदमा करने के लिए कह रहे हैं . इसके आगे बढ़कर , उन्होंने कुछ शिक्षकों को खाली कागज़ात पर हस्ताक्षर करा लिए इसे वो अब धमकी रणनीति के रूप में उपयोग कर रहे हैं. उपकुलपति ने धमकी दी है कि वह इन कागज़ातों का इस्तीफा पत्रों के रूप में उपयोग करेंगे.

शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष भानु ने एक गंभीर बात का खुलासा किया और बताया कि अरविंद अग्रवाल जो कि अभी वहाँ के उपकुलपति हैं, ने उपकुलपति के लिए मानव संसाधन मंत्रालय को जो हल्फनामा दिया था उसमें उन्होंने झूठ बोला है. उन्होंने अपनी शैक्षिनिक योग्यता में यह लिखा है कि1989 में हैरिसबर्ग यूनिवर्सिटी जर्मनी से मैक्स बेबर एंड सोसिलोजिकल स्टडीज में पीएचडी की है जबकी सच्चाई यह है कि 1992 में प्रो एन के सिंघी के नीचे में मैक्स बेबर एंड मोर्डेन सोसिलोजिकल थ्योरी में पीएचडी की है यूनिवर्सिटी राजस्थान जयपुर से की है.

आगे उन्होंने बतया कि जब आप ऐसे कही आप ऐसे पद के लिए अप्लाई करते है तो आपको एक अंडरटेकिंग देनी होती है कि आपने जो जानकारी दी है अगर उसमे से कुछ भी गलत पाया जाता है तो उसके लिए मै जिम्मेदार हूँ और अगर ऐसा होता है तो मुझे नौकरी से निकाल दिया जाए , जिसके अनुसार उनकी नौकरी खतरे में है .

भानु ने बताया  कि ये सारी जानकारी के जरिए उनके एक साथी ने RTI के माध्यम से प्राप्प्त की है और जिस साथी ने ये RTI डाली थी  उन्हें  कई सरकारी तन्त्र से धमकी भरे फोन आ रहे है साथ ही उन्हें नौकरी से हटाने की भी धमकी दी जा रही  है.

शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष ने कहा कि “अभी विश्वविद्यालय में अराजकता की स्थति  है आजकल उपकुलपति अपनी कुरसी बचाने के लिए अगर उन्हें विश्वविद्यालय को भी जलाना पड़े या फिर शिक्षक या छात्रों को जान से मारना पड़े वो कुछ भी कर सकते है. ये हमने देख भी है किस तरह से संजय जी को मरने की पूरी साज़िश की थी और वो उसमे एक हद तक सफल भी हो गए थे वो तो वहाँ लोगो ने बचा लिया नही तो उपकुलपति के गुंडों ने पेट्रोल डाल ही दिया था उनका वस चलता तो वो  आग भी लगा ही देते”.

आगे वो कहते है कि “अगर उपकुलपति के खिलाफ कार्यवाई नही होती है तो वहाँ के सभी शिक्षक सामूहिक इस्तीफा दे देंगे और जन हड़ताल कर  देंगे . संघ ने ये भी विचार किया है की वो महामहिम राष्ट्रपति से मिलकर इस पूरे मसले की जानकारी देंगे उनसे अपील करेंगे की वो इसमें हस्तक्षेप करे क्योंकि वो ही इसके संरक्षक है” .

आगे उन्होंने कहा कि उपकुलपति ने हाल ही में प्रशासन की आलोचना के लिए दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था, परन्तु शिक्षकों के दबाव में  बाद उपकुलपति को  अपने फैसले को वापस लेना पड़ा.

 

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