नईदिल्ली 15 .08.19 (इंडिया न्यूज रूम ) दिल्ली की जिस तिहाड़ जेल के नाम से बड़े बड़े अपराधियों की रूह कांप उठती है वहां से आने वाली खबर मजेदार भी है और दुखद भी कि आखिर सुरक्षा को नज़रन्दाज करके किस हद तक लापरवाही की जा रही है . तिहाड़ जेल के अंदर अगर कोई प्रेमिका ‘डेट’ करने पहुंच जाए तो विश्वास नहीं होगा, मगर सच्चाई यही है. वह सच जिसमें माशूका को ‘डेट’ करने जेल के भीतर कैसे बुलाया जाता रहा. जेल नंबर-2 में सलाखों के भीतर ‘डेट’ पर जा पहुंचने वाली माशूका की दोस्ती, आखिर इस कदर जेल में परवान चढ़ी तो कैसे और कब? साथ ही दिल्ली में रह रही महिला को तिहाड़ के भीतर पहुंचने का आइडिया आया कैसे ? उम्रकैद की सजा काट रहे प्रेमी का नाम हेमंत गर्ग है. वह दिल्ली के उत्तम नगर इलाके का रहने वाला है. हेमंत कई साल से एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में है.संदिग्ध महिला इसी साल जुलाई महीने में कथित प्रेमी हेमंत से सांठगांठ करके जेल के भीतर कथित रूप से ‘डेट’ करने पहुंच गई थी. एक नहीं, कई बार, बार-बार. जब जी चाहा तब. जेल के दरवाजे के भीतर तक ही नहीं, जेल नंबर-2 के अंदर स्थित जेल-अधीक्षक राम मेहर के दफ्तर में भी. सूत्रों के मुताबिक, जेल नंबर-दो के अधीक्षक राम मेहर को मुजरिम के ऊपर आंख मूंदकर विश्वास करना ही भारी पड़ गया. सलाखों के भीतर प्रेमिका के साथ रहकर सनसनी फैलाने वाला हेमंत, करीब दो साल से जेल सुपरिटेंडेंट का कम्प्यूटर ऑपरेट कर रहा था. एजेंसियो की ‘पड़ताल’ में छनकर सामने आए तथ्य इशारा कर रहे हैं कि हेमंत गर्ग ने तिहाड़ के सुरक्षा इंतजामों को खोखला साबित कर दिया है. उसने जेल नंबर-2 के अधीक्षक के बराबर में अपनी कुर्सी डालकर उनका विश्वास जीत लिया था, जेल में इश्क परवान चढ़ना वो भी वह भी जेल सुपरिटेंडेंट के दफ्तर के भीतर. यह चकित कर देने वाली घटना है . जेल महानिदेशक ने फौरन उच्चस्तरीय जांच के लिए कमेटी बना दी है. जांच कमेटी ने पड़ताल शुरू कर दी है. तिहाड़ के उप-महानिरीक्षक (जेल) राजेश चोपड़ा को कमेटी का प्रमुख बनाया गया है. मीडिया सूचनाओ के अनुसार जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कमेटी गठन की पुष्टि की है.
जिस जेल नंबर-2 में इतनी बड़ी घटना घटी उसी जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन, बिहार का बाहुबली शहाबुद्दीन और दिल्ली का खतरनाक अपराधी नीरज बबानिया भी बंद है. इन तमाम मुद्दों पर पूछे जाने पर तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने मीडियाकहा, ‘जांच डीआईजी जेल से करा रहा हूं. लापरवाही गंभीर है. जिम्मेदारी किसकी बनती है, यह जांच रिपोर्ट आने पर ही तय हो पाएगा. जो भी दोषी होगा, उसे सजा ऐसी दी जाएगी, ताकि आइंदा तिहाड़ के सुरक्षा इंतजामों में दुबारा इस तरह की कोताही बरतने की कोई हिम्मत न कर सके.’ इस सबके बावजूद तिहाड़ तो तिहाड़ है ही .