मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने के खिलाफ पूरे देश मे चल रहे आंदोलन के बर्बर दमन की तीखी निंदा करते हुए कहा है कि जामिया मिलिया मामले से स्पष्ट है कि संघी गुंडे पुलिस की वर्दी पहनकर आगजनी कर रहे हैं, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसा रहे हैं और हिंसा फैला रहे हैं.वामपंथी पार्टियां इसके खिलाफ कल 19 दिसम्बर को रायपुर, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर, चांपा, रायगढ़, कोरबा और अंबिकापुर सहित पूरे प्रदेश में विरोध कार्यवाहियों का आयोजन करेगी. राजधानी रायपुर में यह प्रदर्शन घड़ी चौक स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के सामने शाम 4 बजे आयोजित किया जाएगा.

 

फोटो क्रेडिट – Brain ded India

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने आरोप लगाया है कि संघ नियंत्रित भाजपा सरकार भारत में हिटलर के उन कानूनों को लागू करने की कोशिश कर रही है, जिसके जरिये उसने नस्लीय घृणा के आधार पर समूचे यहूदी नस्ल का सफाया करने की कोशिश की थी। धार्मिक घृणा पर आधारित यह नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर इस देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र खत्म करने और सामाजिक तनाव को बढ़ाने का ही काम करेंगे, जो देश की एकता-अखंडता के लिए खतरनाक साबित होगा और देश के बहुलतावादी चरित्र को ही नष्ट करने का प्रयास है.

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने भाजपा की मोदी-शाह सरकार के इस कदम को संविधानविरोधी बताते हुए कहा है कि भारतीय संविधान धर्म या क्षेत्र के आधार पर न नागरिकता तय करती है और न ही एक इंसान के रूप में उनसे कोई भेदभाव करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून स्पष्ट रूप से मुस्लिमों को नागरिक-अधिकारों से वंचित करके हिन्दू राष्ट्र के गठन की आरएसएस की राजनैतिक परियोजना के अनुरूप है, जिसे हमारे देश की जनता और स्वाधीनता संग्राम के नायकों ने कभी स्वीकार नहीं किया है. यह कानून समानता के अधिकार की गारंटी देने वाले अनुच्छेद-14 के भी खिलाफ है.

इस संबंध में उन्होंने केंद्र द्वारा भाजपा-शासित राज्य सरकारों को नजरबंदी शिविर बनाने के निर्देश दिए जाने की भी तीखी आलोचना की है, जहां असम की तरह नागरिकता रजिस्टर से बाहर रह गए लोगों को नजरबंद बनाकर रखने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि नागरिकता के संबंध में इस सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों से साफ है कि वह इस देश की जनता पर धर्मनिरपेक्ष संविधान की जगह मनुस्मृति को लागू करना चाहती है.

 

फोटो क्रेडिट – Sanitary panel

माकपा नेता ने कहा कि देश के सामने जो अभूतपूर्व आर्थिक संकट खड़ा है, उससे आम जनता का ध्यान हटाने के लिए भी यह विभाजनकारी खेल खेला जा रहा है. लेकिन माकपा देश के संविधान और उसके धर्मनिरपेक्ष-जनतांत्रिक स्वरूप और इस देश के बहुलतावादी चरित्र को बचाने के लिए सभी जनवादी ताकतों को साथ लाकर देशव्यापी प्रतिरोध आंदोलन विकसित करेगी और सांप्रदायिक घृणा की ताकतों को शिकस्त देगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here