अभिनेत्री और फिटनेस आइकॉन बनने के बाद अपनी किताब हैप्पी फॉर नो रिजन से लेखन क्षेत्र में प्रवेश करने वाली मंदिरा बेदी का कहना है कि उन्होंने उम्र के 30वें पड़ाव में मनोरंजन जगत में कई असुरक्षाओं का सामना किया। अब वह उम्र के 40वें पड़ाव में हैं और उन्होंने खुद से प्यार करना शुरू कर दिया है।

नई दिल्ली में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम अर्थ के आखिरी दिन यानी रविवार को एक सत्र के दौरान मंदिरा बेदी ने कहा, मैं मनोरंजन के व्यवसाय में 25 सालों से हूं और उसने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैं कई सालों तक गुस्से में रही। मैं लोगों पर चिल्ला उठती थी, जो मैं नहीं चाहती थी, मैं बदलाव चाहती थी और उस पर काम कर रही हूं।

वह किताब के सह-लेखक सत्यदेव बर्मन के साथ संपर्क में थी। बेदी ने खुलासा किया कि उनकी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा अभी देर नहीं हुई में बीता है। उन्होंने आगे कहा, मेरे अंदर अब कई बदलाव आए हैं और मेरा मानना है कि मैं जितना शुक्रिया अदा करूंगी, वह उतना मेरे पास आएगा। मैं जानती हूं कि मैं तब तक काम करूंगी जब तक मैं चाहूंगी और मुझे विश्वास है कि आप तब तक वहां रह सकते हैं जब तक आप चाहते हैं। उम्र के 40वें पड़ाव में मैं सिर्फ खुद से प्यार कर रही हूं। खुद से प्यार करने की शुरुआत करने के लिए कभी देर नहीं होती है।

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