चीन के साथ सैन्य अभ्यास करने का फैसला किया है। बिम्सटेक देशों का साझा सैन्य अभ्यास पुणे में चल रहा है

नई दिल्ली . आपको बता दें कि नेपाल बिम्सटेक देशों के साझे सैन्य अभ्यास से अलग हो गया जबकि चीन के साथ सैन्य अभ्यास करने का फैसला किया है। बिम्सटेक देशों का साझा सैन्य अभ्यास पुणे में चल रहा है। उधर, नेपाल चीन के साथ17 सितंबर से संयुक्त सैन्य अभ्यास करेगा। बिम्सटेक भारत, बांग्लादेश, म्यांमार,

श्रीलंका,थाइलैंड,भूटान नेपाल का एक क्षेत्रीय समूह है।
भारत ने  बिम्सटेक देशों के संयुक्त युद्ध अभ्यास  से अंतिम समय में नेपाल  के अलग होने को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत हड़बड़ी में कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा। भारत का मानना है कि नेपाल का यह कदम उसकी अंदरूनी राजनीति से ज्यादा जुड़ा है और इस घटनाक्रम से कोई बड़ा अर्थ नहीं निकालना चाहिए। हालांकि नेपाल के रवैये में आए बदलाव और चीन  की अति सक्रियता भारत के लिए चिंता की बात जरूर बन गई है।

रूस में होने जा रही है दुनिया की सबसे बड़ी मिलिटरी ड्रिल : विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नेपाल पहले भी बहुदेशीय सैन्य अभ्यास में भाग नहीं लेता रहा है और इसी परंपरा के तहत उसने बिम्सटेक से खुद को अलग किया। नेपाल में जब मौजूदा सरकार ने बिम्सटेक सैन्य अभ्यास में शामिल होने का ऐलान किया तो वहां के विपक्षी दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया जिस कारण सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े।

वहीं, चीन के साथ साझा सैन्य अभ्यास को भी अंडरप्ले करते हुए सरकार का कहना है कि भारत के साथ अभी हाल में ही ऐसा अभ्यास हुआ था। यही कारण है कि नेपाल के हटने के बाद भारत ने अब तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और न हड़बड़ी में देने की मंशा है। हालांकि सार्क के समानांतर एक नया संगठन खड़ा कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति में बाधा पड़ने से सरकार जरूर चिंतित है। हालांकि भारत का मानना है कि इस रणनीति पर कोई असर नहीं होगा।

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