यूक्रेन ने लोहनस्क क्षेत्र में 5 रूसी विमान व एक हेलीकाप्टर को मार गिराने का दावा न्यूज एजेंसियों से किया है।

नई दिल्ली, एजेंसियां, इंडिया न्यूज डेस्क, 24 फरवरी 2022, एक तरफ कोरोना काल के 2 वर्षो में विश्व के ज्यादातर देशों की अर्थ व्यवस्था पतन का शिकार हो चुकी है और किसी तरह धीरे धीरे मजबूती लाने के प्रयास किये जा रहे हैं दूसरी ओर यूक्रेन की सीमा पर रूस की फौजों के लंबे जमावड़े के बाद आखिरकार रूस ने हमले की घोषणा कर दी।
रूस के युद्ध की घोषणा के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाके शुरू होने की खबर है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन ने रेड लाइन पार की है।

बता दें कि पिछले कई दिनों से रूस व यूक्रेन के बीच तनाव बरकरार था। इसको लेकर यूरोप सहित पश्चिमी देशों ने दोनों देशों को बातचीत के स्तर से हल ढूंढने को कहा था। इसी बीच रूस ने यूक्रेन के 2 इलाकों को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी थी। इसके बाद यूरोप सहित अमेरिका व अन्य देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे।

प्रतिबंध के बावजूद रूस ने आज युद्ध की घोषणा कर दी है। न्यूज एजेंसी राष्ट्रपति पुतिन ने औपचारिक तौर से युद्ध का ऐलान कर दिया है। ऐसे में पूरी दुनिया सकते में आ गई है। संयुक्त राष्ट्र ने पुतिन को युद्ध रोकने को कहा है। वहीं, पुतिन का कहना है कि यूक्रेन पर कब्जे का कोई इरादा नहीं है।

वहीं, रूस के युद्ध की घोषणा के बाद राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि यूक्रेन की सेना सरेंडर करे और अपने घर जाए। वहीं, नाटो देशों को लेकर पुतिन ने कहा है कि हम सभी तरह के नतीजों के लिए तैयार हैं। किसी अन्य देश ने अगर ऑपरेशन में दखल दिया, तो उसको अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। नाटो संगठन में शामिल देश यूक्रेन को नाटो की सुरक्षा देने की कोशिश लंबे समय से कर रहे हैं जिससे रूस के पड़ोस में नाटो का एक सैन्य अड्डा स्थापित हो जाये इन कोशिशों से चिढ़ा हुआ रूस किसी भी कीमत में अपने आसपास अमेरिकी प्रभुत्व वाली सेना को टिकने नही देना चाहता। मौजूदा गतिरोध का एक बड़ा कारण यह भी है।


मास्को। यूक्रेन के साथ जारी गतिरोध के बीच रूस ने युद्ध का ऐलान कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य कार्रवाई के आदेश देने के बाद किसी भी दबाव के आगे न झुकने की घोषणा की है।

इन घटनाओं से तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हुआ है और वो क्रूड ऑयल 100 रु से अधिक हो गया है। भारतीय मुद्रा रुपये का भी डॉलर के मुकाबले 0.75 अवमूल्यन हो गया है। इस स्थिति का असर भारतीय बाजार में भी पड़ना स्वाभाविक है। शेयर बाजार में तीखा असर युद्ध का दिख रहा है।

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