चंदा है तू मेरा सूरज है तू, चंदा मामा दूर के, लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी, निंदिया आ जा री, गुडिय़ा रानी बिटिया रानी… इस तरह की कितनी ही अनगिनत लोरियां हैं जो आपने भी अपने बचपन में अपनी मां, दादी या नानी से जरूर सुनी होगी। यही लोरियां जब बेटी, मां बनती है तो अपने बच्चे को सुनाती है। जब बच्चा छोटा होता है तो उसे प्यार भरी नींद देने के लिए मांएं सदियों से उसे बड़े प्यार से लोरी सुनाती आ रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी मां बच्चे को यूं ही लोरियां नहीं सुनाती बल्कि इसके पीछे कुछ कारण भी हैं और मां की यह लोरी बच्चे के फायदेमंद भी है। यहां जानें, बच्चे को लोरी सुनाने के ढेरों फायदों के बारे में….
मां और बच्चे के बीच कनेक्शन होता है मजबूर
मां की लोरी की आवाज कानों में पड़ते ही बच्चा कब नींद की आगोश में चला जाता है पता ही नहीं चलता। मां की लोरी सुनते हुए सपनों के संसार में खो जाने का सुखद अहसास बड़े होने के बाद भी आपकी यादों में बसा रहता है। लोरी, मां और बच्चे के लिए बीच एक कनेक्शन की तरह काम करती है और दोनों को करीब लाती है। मां की लोरी की आवाज में एक तरह की कशिश होती है जो बच्चे पर जादू की तरह काम करती है। एक्सपर्ट्स भी यही कहते हैं कि लोरी के रूप में जो आवाज बच्चा लगातार सुनता है, धीरे-धीरे वह उससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करने लगता है।
बच्चे के दिमागी विकास के लिए जरूरी है लोरी
मां की लोरी बच्चे को एक सुखद अहसास कराती है और लोरी सुनने से बच्चे के मस्तिष्क का भी विकास होता है। दरअसल, मां की लोरी बच्चे के ब्रेन के कई हिस्सों को एक साथ उत्तेजित करती है जिससे बच्चे का दिमागी विकास होता है। इसे मेडिकल की भाषा में म्यूजिकल लर्निंग भी कहते हैं। लोरी सुनकर बच्चा अलग-अलग आवाजों के बीच फर्क करना भी सीख जाता है।
लोरी सुनकर खत्म हो जाता है बच्चे का डर
एक्सपर्ट्स की मानें तो मां से लोरी सुनकर बच्चे के अंदर डर और किसी भी तरह के खतरे के प्रति डिफेंस और रेजिस्टेंस यानी प्रतिरोध की भावना विकसित होती है। इससे बच्चे का बौद्धिक और भावनात्मक विकास भी होता है। लोरी सुनने पर बच्चे को मां के साथ होने का एहसास होता है और यही एहसास उसे निडर बनाता है और वह धीरे-धीरे खतरों का सामना करना सीखने लगता है। इस तरह लोरी बच्चे को खुद पर भरोसा करना भी सिखाती है।
लोरी से बच्चे को अच्छी नींद आती है
मांएं लोरी गाती है इसलिए हैं ताकि बच्चे को अच्छी और गहरी नींद आ सके। अगर बच्चा ठीक से सो नहीं पाएगा तो उसे चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होने लगेगी। ऐसे में लोरी बच्चों के ऊपर किसी जादू की तरह असर करती है और उन्हें गहरी नींद के आगोश में भेज देती है।
बच्चे की भाषा को मजबूत बनाती है लोरी
लोरी सुनने से बच्चे की भाषा सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। दरअसल, जब मां हर दिन एक ही लोरी बच्चे को सोते वक्त सुनाती है तो लोरी में इस्तेमाल किए गए शब्द बच्चे को धीरे-धीरे याद होने लगते हैं और वो बाद में उन शब्दों का सही इस्तेमाल भी करना सीख जाता है। दरअसल, लोरी किसी छोटी कविता जैसी ही होती है, जिसके इस्तेमाल से बच्चे को भाषा सीखने में मदद मिलती है।
मां के लिए भी फायदेमंद है लोरी
अमेरिका स्थित मियामी के फ्रॉस्ट स्कूल ऑफ म्यूजिक के अनुसंधानकर्ताओं की ओर से की गई एक स्टडी की मानें तो बच्चों को लोरी सुनाने से सिर्फ उनकी सेहत ही नहीं बल्कि मां की सेहत भी अच्छी रहती है। डिलिवरी के बाद न्यू मॉम्स जिस तरह के तनाव, पोस्टपार्टम डिप्रेशन और नेगेटिव बातों से जूझ रही होती हैं, लोरी की मदद से इन चीजों से ध्यान हटाने में मदद मिलती है। मां की लोरी सुनकर जब बच्चे मुस्कुराते हैं जो मां के अंदर पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
बच्चे ही नहीं बुजुर्गों के लिए लोरी है फायदेमंद
म्यूजिक या लोरी किस तरह से छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद है इस बारे में तो काफी रिसर्च हुई है। लेकिन अब वैज्ञानिक इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि किस तरह लोरी और म्यूजिक बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, बड़ी संख्या में बुजुर्ग नींद की कमी की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में चेन्नई में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि लोरी या फिर इसी तरह का कोई रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनने से स्ट्रेस हॉर्मोन्स कम होते हैं जिससे नींद अच्छी आती है।

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