भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
नईदिल्ली. इस दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को आरोपियों के ख़िलाफ़ सबूत पेश करने के लिए कहा. महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि उसके पास इस मामले में पुख़्ता सबूत हैं.
अब इस मामले में अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी.भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “आरोपियों को न सिर्फ केस में कथित शिरकत के लिए गिरफ्तार किया गया है, बल्कि वे देश में शांति को बाधित भी करते प्रतीत हो रहे हैं ”
भीमा कोरेगांव केस में याचिकाकर्ताओं का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम से कहा, “केस की सही तरीके से विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा जांच कराई जानी चाहिए, या अदालत में निगरानी में जांच होनी चाहिए…” देश में अलग-अलग छापों के बाद 29 अगस्त को पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था. उसी दिन इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ”लोकतंत्र में असहमति एक सेफ़्टी वॉल्व की तरह होती है.”
सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया था. इसके बाद मामले में 6 सितंबर को सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने हाउस अरेस्ट को बरकरार रखने के आदेश दिए थे.