बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा.
नयी दिल्ली 26 सितंबर 2018। आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ अपना फैसला सुना रही है. सबसे पहले जस्टिस एके सीकरी ने अपना फैसला पढ़ा, उन्होंने अपने अलावा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की तरफ से फैसला पढ़ा.
सुप्रीम कोर्ट बोले कि CBSE, NEET, UGC अगर आधार को जरूरी बनाते हैं तो ये गलत है वो ऐसा नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि मोबाइल नंबरों और बैंक खातों से जोड़ना आधार कार्ड होना गैर संवैधानिक है. कोर्ट ने स्कूलों में आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 6 से 14 साल के बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा कि आधार ना होने की स्थिति में किसी व्यक्ति को अपने अधिकार लेने से नहीं रोका जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड जरूरी है, सरकार ने आधार कार्ड के लिए कोई तैयारी नहीं की थी.
उन्होंने अपने फैसले में कहा है कि आधार कार्ड आम आदमी की पहचान है, इस पर हमला संविधान के खिलाफ है.सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर बेहद ही अहम फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सीकरी ने आधार की संवैधानिक वैधता पर फैसला पढ़ना शुरू किया:-
– बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा.
आधार की संवैधानिकता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक खाते से आधार को लिंक करने का फैसला रद्द
कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकतीआधार से निजता के हनन के सबूत नहीं मिले- सुप्रीम कोर्ट
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार न दिया जाए.
– 6 से 14 साल के बच्चों को आधार ना होने की वजह से सर्व शिक्षा अभियान जैसे लाभ से वंचित न किया जाए.
– सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा था कि आधार से बड़े वर्ग को फायदा.
– यूजीसी और निफ्ट जैसी संस्थाएं आधार नहीं मांग सकती- सुप्रीम कोर्ट
– कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के पीछे तार्किक सोच. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है. कम से कम डेटा होना चाहिए.
– आधार की अनिवार्यता पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती
– सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि आधार आम आदमी की पहचान है.
– जस्टिस सीकरी पढ़ रहे हैं आधार पर बहुमत का फैसला. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूनिक का मतलब सिर्फ एक से है.
सुप्रीम कोर्ट ने – सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है.
– आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं, साथ ही समाज के हाशिये वाले वर्ग को आधार से ताकत – सुप्रीम कोर्ट
– जस्टिस सीकरी बहुमत का फैसला पढ़ रहे हैं.
आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को शुरू हुई थी जो 38 दिनों तक चली. आधार से किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं, इसकी अनिवार्यता और वैधता के मुद्दे पर 5 जजों की संवैधानिक पीठ अपना फैसला सुना रही है.