वुहान। चीन में दिसंबर महीने से शुरू हुआ खतरनाक कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। जनवरी माह से चीन ने इससे बचने के लिए कई राज्य में लॉकडाउन लगा दिया था। चीन ने लॉकडाउन की शुरुआत वुहान शहर की जहां से इस वायरस के फैलने की शुरुआत हुई थी। कड़ी मेहनत और सख्त कानून के बाद अब चीन कुछ राहत की सांस ले रहा क्योंकि अब वहां कोरोना के बेहद कम मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को पहली बार ऐसा हुआ कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया। अधिकारियों ने वुहान के लोगों को बाहर आने जाने की इजाजत दे दी है।

बुधवार की मध्य रात्रि से लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के 1.1 करोड़ लोगों को अब कहीं भी आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होगी बशर्ते अनिवार्य स्मार्ट फोन एप्लिकेशन में यह पता चलता हो कि वे स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं।

इस मौके यांगतेज नदी के दोनों ओर लाइट शो हुआ, गगनचुंबी इमारतों और पुलों पर ऐसी छवियां तैर रहीं थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को ले जाते हुए दिख रहे थे, तो कहीं वुहान के लिए हीरोइक सिटी शब्द दिख रहे थे। तटबंधों और पुलों पर नागरिक झंडे लहरा रहे थे और वुहान आगे बढ़ो के नारे लगा रहे थे तथा चीन का राष्ट्रगान गा रहे थे।

एक व्यक्ति तोंग झेंगकुन ने कहा, मुझे बाहर निकले को 70 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया। वह जिस इमारत में रहते थे वहां संक्रमित व्यक्ति मिले थे जिसके बाद से पूरी इमारत को बंद कर दिया गया था। सड़कों पर गाडिय़ां उतर आईं, सैकड़ों लोग शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेनों और विमानों का इंतजार करते दिखे तो कई लोग नौकरी पर जाने को बेताब नजर आए। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने इतनी जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है। चीन के कुल 82 हजार कोरोना संक्रमितों में से 50 हजार केवल वुहान के थे। कुल 3331 मरने वालों में से 2500 वुहान में ही मरे। वुहान ही वह शहर है, जहां पिछले साल दिसंबर में कोराना वायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति मिला था। वुहान सहित पूरे हुबेई प्रांत में करीब 5.6 करोड़ लोग रहते हैं।

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